चीन ने 28 सितम्बर को स्टेल्थ जे-20 जेट को वायुसेना में शामिल करने की
घोषणा की. ये लड़ाकू विमान रडार में दिखाई नहीं देता है. यही खासियत उसे
दूसरे विमानों से अलग करती है. हालांकि ये पता नहीं चल सका है कि वायुसेना
में कितने जेट शामिल किए गए हैं. जे-20 चीन की
चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है. ये मध्यम व लंबी दूरी तक मार करने वाला
विमान है. 2011 में ये पहली बार आकाश में देखा गया. जुहाई गुआंग्डोंग
प्रांत में चीन के 11वें एयर शो के मौके पर लोगों को दिखाया गया. ये शो
पिछले साल नवंबर माह में आयोजित किया गया था.
रक्षा मंत्रालय के
प्रवक्ता ने बताया कि इसके वायुसेना में शामिल होने से चीन व भारत के लड़ाकू
बेड़े के बीच संतुलन स्थापित हो सकेगा. दो इंजन वाले जेट को चेंगदू
एयरोस्पेस कॉरपोरेशन ने बनाया है. पाकिस्तान इस विमान को हासिल करने के लिए
अपनी इच्छा जाहिर कर चुका है. उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सेना एफ-22
राप्टर का इस्तेमाल करती है. ये पांचवी पीढ़ी का स्टेल्थ जेट है. 2014 में
अमेरिका-चीन आर्थिक व रक्षा समीक्षा आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि
जे-20 एशिया पेसिफिक देश में इस्तेमाल होने वाले विमानों की तुलना में
ज्यादा सक्षम है. इसके होने से चीन की सेना की मारक क्षमता में बहुत ज्यादा
इजाफा होता है.
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