किडनी रोगों के जाने माने एक्सपर्ट और
पीजीआइ के नेफ्रोलॉजी विभाग के पूर्व हेड डॉ. केएस चुघ (85) का
निधन हो गया. चुघ को देश में नेफ्रोलॉजी का पिता कहा जाता था. डॉ.
चुघ ब्लड कैंसर से पीडि़त थे. कुछ दिन
पहले उन्हें पीजीआइ में दाखिल करवाया गया था. रविवार को उनका निधन हो गया. डॉ. चुघ 1993 में पीजीआइ से रिटायर हुए थे. यहां उन्होंने तीन
दशक तक काम किया. पद्मश्री से सम्मानित चुघ को कई राष्ट्रीय व
अंतरराष्ट्रीय अवार्ड मिले थे. इंटरनेशनल
सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी ने भी उनके काम की सराहना की थी. उन्होंने रिसर्च
के क्षेत्र में भी लगातार बेहतर काम किया. सोसायटी ने उनको दुनिया के 50
बेहतरीन लीजेंड में शामिल किया था. उनके 413 रिसर्च पेपर पब्लिश हुए. इसके
अलावा कई किताबों और इंटरनेशनल रिसर्च जर्नल्स में 38 चेप्टर भी छपे हैं.
पीजीआइ ने उनके निधन को बड़ी क्षति बताया है.
डॉ.
चुघ का पूरा नाम किरपाल सिंह चुघ था. उनका जन्म अमृतसर के पट्टी गांव में
12 दिसंबर, 1932 को हुआ था. उनको देश का पहला नेफ्रोलॉजिस्ट माना जाता है.
उन्होंने पीजीआइ में वर्ष 1956 में इस क्षेत्र में डीएम कोर्स में अहम
भूमिका निभाई. उनको कई बड़े सम्मान मिले जिनमें बीसी रॉय अवार्ड (1993),
निहोन यूनिवर्सिटी मेडिकल स्कूल गोल्ड मेडल (1979), आइसीएमआर(1978), इंडियन
सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजिस्ट अवार्ड (1976) और धनवंतरी नेशनल अवार्ड उनमें से
कुछेक हैं. साल 2014 में उनको भारत
सरकार द्वारा चौथे सबसे सम्मान पद्मश्री नवाजा गया था. उनके अधीन 72 डॉक्टरों ने
डॉक्ट्रेट ने मेडिसन (डीएम) की डिग्री की थी. इनमें से कई तो जाने माने
एक्सपर्ट हैं.
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