केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की वृहद
अम्ब्रेला योजना’ को वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 हेतु मंजूरी प्रदान कर दी. तीन
वर्ष की अवधि में इसके लिए 25060 करोड़
रुपये व्यय करने का प्रावधान किया गया है. जिसमें से 18636 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय
आएगा. इसमें केन्द्र सरकार का अंश है तथा 6424 करोड़ रुपये राज्य सरकारों का अंश है.
यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मेादी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में किया
गया. इस योजना
के तहत आतंरिक सुरक्षा, कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा आधुनिक हथियारों की
उपलब्धता, पुलिस बलों
की गतिशीलता, लॉजिस्टिक
सपोर्ट, किराए पर
हेलिकॉप्टर, पुलिस
वायरलेस का उन्नयन, राष्ट्रीय
स्टेलाइट नेटवर्क, सीसीटीएनएस
परियोजना आदि सम्मिलित हैं.
अम्ब्रेला
योजना में जम्मू एवं कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों एवं वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित
क्षेत्रों के लिए आतंरिक सुरक्षा संबंधी व्यय के लिए 10132 करोड़ रुपये के केन्द्रीय अंश का
प्रावधान भी सम्मिलित है. वामपंथी
उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित 35 जिलों को 3000 करोड़ रुपये की विशेष केन्द्रीय सहायता (एससीए) का प्रावधान
किया गया. इससे वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों द्वारा सुरक्षा तथा विकास
गतिविधियों के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों में वृद्धि होगी. पूर्वोत्तर
राज्यों में पुलिस इफ्रास्टक्चर अपग्रेडिंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट इनवेस्टग्रेडिंग
फेसेलेटिज़ हेतु 100 करोड़
रुपये का प्रावधान किया गया है. इस योजना के कार्यान्वयन से उग्रवाद द्वारा
प्रभावित क्षेत्रों, जम्मू-कश्मीर
और पूर्वोत्तर क्षेत्रों जैसे विभिन्न राज्यों में चुनौतियों का प्रभावी ढंग से
सामना करने में सरकार को मदद मिलेगी.
क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की कमियों को
दूर करने के उद्देश्य से फारेसिंक साइंस लेबोटरिज तथा संस्थानों एवं उनमें उपलब्ध
उपकरणों सहित पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर के अपग्रेडिंग हेतु विशेष परियोजना/
कार्यक्रमों हेतु भी राज्यों को सहायता के रूप में विशेष नई पहलों की शुरूआत की
गई है. क्रिमिनल
जस्टिस सिस्टम में मौलिक सुधार लाने के उद्देश्य से पुलिस थानों को आपस में
जोड़कर अपराध एवं अपराधियों के रिकॉर्ड का राष्ट्रीय डेटाबेस स्थापित करके तथा
इसे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के अन्य स्तम्भों जैसे न्यायालय कारागार, फारेसिंग साइंस लेबोटरिज़ तथा
अभियोजन कार्यालय शामिल हैं.
अम्ब्रेला
योजना के तहत अमरावती, आंध्र
प्रदेश में एक नई अत्याधुनिक विधि विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना और जयपुर में
सरदार पटेल वैश्विक सुरक्षा केन्द्र का उन्नयन, आतंकवाद निरोधी एवं आतंकवादी गतिविधि
रोकथाम केन्द्र और गांधीनगर, गुजरात में विधि विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना का भी
प्रावधान है.
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