भारत को 20 सितंबर 2017 में उच्च क्षमता वाला पहला रेल इंजन प्राप्त हुआ. इस इंजन से भारतीय रेलवे की क्षमता में वृद्धि होगी. यह इंजन भारत को फ्रांस से प्राप्त हुआ है। फ्रांस की कंपनी एल्स्टम फ्रांस ने बारह हजार हॉर्स पावर क्षमता वाले इस पहले इंजन की आपूर्ति की. इस इंजन को कोलकाता बंदरगाह पर हासिल किया। इससे भारत में उच्च क्षमता वाले लोकोमोटिव इंजन चलाये जाने हेतु मार्ग प्रशस्त हो गया. इस इंजन का उपयोग मालवाहक रेलगाड़ियों में वर्ष 2018 से किया जाएगा. इस इंजन की सहायता से मौजूदा ट्रेनों की गति दोगुनी हो जाएगी.
एल्सटम द्वारा भेजे गये इंजन के पुर्जों एवं हिस्सों को हल्दिया में प्राप्त किया गया. इसके बाद इन्हें मधेपुरा स्थित कारखाने में तैयार करने के लिए भेजा जाएगा. भारतीय रेल ने मधेपुरा स्थित लोकोमोटिव कारखाने में नवंबर 2015 में संयुक्त उपक्रम के तहत अगले 11 वर्षों में 800 ऐसे इंजन तैयार करने का समझौता किया था. इस इंजन पर लगभग 30 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च है. इसे मधेपुरा संयंत्र में एसेंबल किये जाने के बाद इसका ट्रायल फरवरी 2018 में आरंभ किया जाएगा. यह रेल विभाग में पहला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है.
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