नोटबंदी के दौरान कालेधन को सफेद
बनाने वाली दो लाख से अधिक संदिग्ध मुखौटा (शेल) कंपनियों पर केंद्र सरकार
ने चाबुक चलाया है. वित्त मंत्रालय द्वारा बताया गया कि कागजों पर चलने
वाली ऐसी 2.1 लाख कंपनियों के बैंक खातों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है.
बताया जा रहा है कि इन कंपनियों की मान्यता पहले ही निलंबित की जा चुकी
है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कह चुके
हैं कि सरकार करीब तीन लाख संदिग्ध कंपनियों की पड़ताल कर रही है.
सरकार
ने बताया है कि कंपनियों को पंजीकृत करने वाली संस्था ‘रजिस्ट्रार आॅफ
कंपनीज’ ने अब तक 2,09,032 मुखौटा कंपनियों के साथ-साथ उनके निदेशकों और
अधिकारियों की मान्यता खत्म कर दी है. उसने यह भी कहा कि जब तक ये मामले
नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल यानी एनसीएलटी से सुलझ नहीं जाते तब तक इनके
बैंक खाते संचालित नहीं होंगे. ये जानकारी वित्त मंत्रालय ने अपने अधिकारिक
ट्विटर हैंडल पर जारी ट्वीट में दी है.
उसका
दावा है कि ऐसी संदिग्ध कंपनियों को किसी हाल में काम नहीं करने दिया
जाएगा. मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने सभी बैंकों को इन कंपनियों के
खाते प्रतिबंधित करने के लिए तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. इसके
अलावा बैंकों को उन कंपनियों पर नजर रखने को कहा गया है जो वित्तीय
दस्तावेज और सालाना रिटर्न दायर करने में गड़बड़ी कर रही हैं.
No comments:
Post a comment