भारतीय वायुसेना ने 8 अक्टूबर 2017 को अपना 85वां स्थापना दिवस मनाया. इस
मौके पर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस पर भव्य कार्यक्रम
आयोजित किया गया. इस अवसर पर वायु सेना के जांबाजों ने किया अद्भुत शक्ति
और शौर्य का प्रदर्शन किया. इस दौरान लड़ाकू विमान तेजस के अलावा हेलीकॉप्टर भी आसमान में गरजे व
जवानों ने अपनी ताकत और अनुशासन से कई करतब दिखाए जिसे देख वहां मौजूद
मुग्ध हो गए. इसी बीच 8 हजार फीट की ऊंचाई से आकाश गंगा टीम के
पैराजंपर्स तिरंगा के रंगों में रंगे पैरासूट से एयरबेस पर उतरे तो पूरा
हिंडन एयरबेस तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. समारोह के दौरान तेजस समेत कई
एयरक्राफ्ट शामिल हुए. हिंडन एयरबेस पर फोर्स के सारंग हेलिकॉप्टर टीम के
अलावा एएन-32 विमान, ट्रेनर एयरक्राफ्ट, सुखोई, हॉक, ध्रुव हेलिकॉप्टर के
साथ हवा में करतब दिखाए. इस अवसर पर वायु सेना
प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने कहा कि भारतीय वायु सेना संक्षिप्त
नोटिस पर भी युद्ध लड़ने और देश में किसी भी सुरक्षा चुनौती का जवाब
मुंहतोड़ तरीके से देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, क्षेत्र
में मौजूदा भू-राजनीतिक माहौल में अनिश्चितताओं को देखते हुए वायु सेना को
'संक्षिप्त' और 'तेज' युद्ध लड़ना पड़ सकता है. 'अगर जरूरत पड़ी तो हम
संक्षिप्त नोटिस पर जंग के लिये तैयार हैं.'
8 अक्टूबर, 1932 को आधिकारिक तौर पर अपनी
स्थापना के बाद एक वर्ष के भीतर तक भारतीय वायु सेना के पास सिर्फ चार
एयरक्राफ्ट (वेस्टलैंड वापिती बाइप्लेन) ही थे. इन्हें छह प्रशिक्षित ऑफिसर
और 19 जवान संभाला करते थे. आज 2017 में वायुसेना अपने हजारों एयक्राफ्ट
से दुश्मन सेना के दांत खट्टे कर सकती है. भारतीय वायु सेना में 1 अप्रैल 1993 को पहली स्कॉड्रॉन को कमिशंड किया गया. अपनी लगातार उपलब्धियों के चलते वायु सेना को मार्च 1945 में रॉयल टाइटल दिया गया. वर्ष 1946 रॉयल भारतीय वायु सेना (RIAF) को अपनी पहली ट्रांसपोर्ट यूनिट मिली.
विभाजन के दौरान RIAF के पास पांच स्कॉड्रोन्स थीं.
वर्ष 1950 में गणराज्य बनने के बाद भारत सरकार ने भारतीय वायु सेना के नाम में से रॉयल टाइटल हटा दिया.
ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और ऑपरेशन पूमालई भारतीय वायु सेना के प्रमुख अभियान हैं जिनसे दुनिया वाकिफ है. वायु सेना पाकिस्तान के साथ चार और चीन के साथ एक युद्ध में अपना दम दिखा चुकी है. आज MiG के विभिन्न वेरिएंड, सुखोई SU-30 एमकेआई भारतीय वायुसेना के
लड़ाकू जेट बेड़े की जान है. मेक इन इंडिया के तहत बने लाइट कॉम्बैट लड़ाकू
विमान तेजस ने भी देश की वायु सेना की ताकत बढ़ाई है. आने वाले वर्षों में
तेजस की संख्या बढ़ सकती है।.भारतीय वायुसेना वर्ष 2030 तक अपने बेड़े में करीब 400 लडा़कू एयरक्राफ्ट शामिल करने की दिशा में काम कर रही है.
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