उत्तर प्रदेश सरकार ने संगठित अपराध से निपटने के लिए सख्त विधेयक को मंजूरी दे दी है. बुधवार को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक
में ‘उत्तर प्रदेश कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट’ (यूपीकोका) विधेयक
को मंजूरी दी गई. कैबिनेट बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश में गुंडा, माफिया, अशांति फैलाने
वालों, अवैध खनन करने वालों और अवैध रूप से वनों की कटाई करने वालों के
खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए 'उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण
विधेयक-2017' के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "इससे प्रदेश
में अपराधों पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा. देश के अन्य राज्यों
में इस तरह के कानूनों का परीक्षण करने के बाद यूपीकोका विधेयक के मसौदे को
मंजूरी दी गई है."
रिपोर्ट
के मुताबिक योगी सरकार ने यूपीकोका को महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ
ऑर्गेनाइज्ड क्राइम की तर्ज पर भू माफिया, खनन माफिया और गुंडों से निपटने
के लिए बनाया है. इसके तहत राज्य स्तर पर प्रधान सचिव (गृह) के तहत संगठित
अपराध नियंत्रण प्राधिकरण बनाया जाएगा. वहीं जिला स्तर पर जिलाधिकारी इसके
प्रमुख होंगे. इस विधेयक के जरिए पुलिस को दोषी अपराधियों की संपत्ति जब्त
करने का भी अधिकार दिया जाएगा. इसके साथ यूपीकोका अदालतों का भी गठन किया
जाएगा. यूपीकोका विधेयक को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किए
जाने की उम्मीद है जो गुरुवार से शुरू हो रहा है. 2008 में भी उत्तर प्रदेश
विधानसभा ने यूपीकोका कानून पारित किया था, लेकिन वह लागू नहीं हो पाया
था, क्योंकि तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने इसे मंजूरी नहीं दी थी.
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