राष्ट्रीय
स्वच्छ गंगा मिशन ने नमामि गंगे परियोजना से संबंधित 295.01 करोड़ रुपए
लागत की पाँच परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. इनमें से 278.6 करोड़ रुपए
लागत की तीन परियोजनाएं पश्चिम बंगाल में जल-मल प्रबंधन से संबंधित हैं.
4.68 करोड़ रुपए की एक परियोजना उत्तराखंड में जल-मल प्रबंधन से संबंधित
है और 11.73 करोड़ रुपए लागत की एक अन्य परियोजना वाराणसी में घाटों के
सुधार से संबंधित है. इसके साथ ही गंगा नदी के किनारे स्थित
उच्च प्रदूषण वाले सभी शहरों के लिए जल-मल प्रबंधन की सभी परियोजनाओं को
स्वीकृत किया जा चुका है.
पश्चिम बंगाल के लिए जिन परियोजनाओं को
मंजूरी दी गई है उसमें हाईब्रिड एनयूटी प्रणाली पर आधारित 172.10 करोड़
रुपए लागत की कामरहाटी और बाड़ानगर नगर पालिकाओं में 60 एमएलडी क्षमता वाला
जल-मल शोधन संयंत्र लगाना और सीवर लाइनों की सफाई शामिल है. 52.20 करोड़
रुपए की लागत से बेरहामपुर नगर पालिका में गंगा नदी पर 3.5 एमएलडी लागत का
जल-मल संयंत्र लगाया जाएगा और साथ ही सीवर नेटवर्क भी सुधारा जाएगा.
नवद्वीप नगर पालिका में 54.30 करोड़ रुपए की लागत से 9.5 एमएलडी का एक
जल-मल शोधन संयंत्र लगाया जाएगा और 10.5 एमएलडी वाले एक जल-मल शोधन संयंत्र
का पुनर्रुद्धार किया जाएगा.
उत्तराखंड में 4.68 करोड़ रुपए की लागत
से हरिद्वार के कुछ इलाकों में सीवर लाइनें बिछाने की योजना है. वाराणसी
में 11.73 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न घाटों की मरम्मत और इनका
सौंदर्यीकरण किया जाएगा जिसमें घाटों में मजबूत पत्थर लगाकर वहाँ की
सीढ़ियों को सुधारा जाएगा ताकि यात्रियों को उस पर चलते समय किसी प्रकार की
असुविधा और खतरा न हो.
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