भारत और इजरायल
ने दोस्ती के रास्ते पर एक और मजबूत कदम आगे बढ़ाया है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू
की भारत यात्रा के दौरान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इजरायली प्रधानमंत्री
बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता
बाद भारत और इजरायल के बीच परस्पर सहयोग के नौ करारों पर
हस्ताक्षर हुए जिनमें साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, हवाई यातायात
से लेकर होम्योपैथिक उपचार और अक्षय ऊर्जा के भंडारण के क्षेत्र में सहयोग
के समझौते शामिल हैं. साइबर सुरक्षा में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर
हस्ताक्षर किए गए. दूसरा समझौता ज्ञापन तेल एवं गैस क्षेत्र में भारत के पेट्रोलियम एवं
प्राकृतिक गैस मंत्रालय और इजरायल के ऊर्जा मंत्रालय के बीच हुआ. हवाई
परिवहन समझौते में संशोधन पर भारत और इजरायल के बीच एक प्रोटोकॉल पर भी
हस्ताक्षर किए गए। भारत और इजरायल के बीच संयुक्त रूप से फिल्म निर्माण पर
भी एक समझौता हुआ. होम्योपैथिक दवाओं में अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग से संबंधित एक
तीसरे समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर आयुष मंत्रालय के केंद्रीय होम्योपैथी
अनुसंधान परिषद और इजरायल के शारे जेडक मेडिकल सेंटर के सेंटर फॉर
इंटीग्रेटेड कंप्लीमेंटरी मेडिसिन के बीच हुआ.
अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग
के लिए भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) और
टेक्नियन-इजरायल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के बीच समझौता ज्ञापन पर
हस्ताक्षर किए गए. भारत में निवेश और इजरायल में निवेश पर एक आशय ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर
हुआ. इंडियन ऑयल और इजराइल के फिनर्जी लिमिटेड ने धातु-हवा बैटरी के
क्षेत्र में सहयोग के लिए एक आशय-पत्र पर हस्ताक्षर किए. इंडियन ऑयल और
इजरायल के येदा रिसर्च एंड डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के बीच एक अन्य आशय
पत्र पर हस्ताक्षर सकेंद्रित सौर तापीय प्रौद्योगिकी में सहयोग के लिए किए
गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच वार्ता के बाद हुए
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने आपसी
संबंधों में प्रगति की समीक्षा की है और उन्होंने नए अवसरों के सहारे आगे
बढ़ाने का निश्चय किया है.
इससे पहले सोमवार को इजरायली प्रधानमंत्री का यहां राष्ट्रपति भवन में
रस्मी स्वागत किया गया. 130 सदस्यीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ
नेतन्याहू अपने छह दिवसीय भारत दौरे पर रविवार को पहुंचे. किसी इजरायली प्रधानमंत्री का भारत दौरा
15 सालों बाद हो रहा है. इससे पहले 2003 में एरियल शेरॉन भारत दौरे पर आए
थे. मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर नेतन्याहू का स्वागत करने पहुंचे थे.
दोनों नेताओं में इस मुलाकात के दौरान भी वही गर्मजोशी दिखाई दी जो पिछले
साल जुलाई में मोदी की इजरायल यात्रा के दौरान दिखाई पड़ी थी. नेतन्याहू ने कहा कि भारत के संयुक्त राष्ट्र में वोट देने से दोनों
देशों के बीच प्रगाढ़ होते रिश्तों में कोई बड़ा बदलाव नहीं आने वाला.
दरअसल भारत जैसे समर्थ राष्ट्र की मैत्री विश्व स्तर पर इजरायल की स्वीकृति
को भी और बढ़ाती है। हाल तक अपनी तमाम क्षमताओं के बावजूद वह अलगाव ही
झेलता रहा है. दूसरी तरफ भारत को विश्व मंच पर खुलकर साथ देने वाला एक सबल
साथी मिल गया है. रक्षा और कृषि की दृष्टि से इजरायल की दोस्ती हमारे लिए
लंबे समय से महत्वपूर्ण बनी हुई है. जल प्रबंधन, विज्ञान व तकनीक और शिक्षा
के क्षेत्र में भी दोनों देश एक दूसरे को सहयोग करते आए हैं. रूस और
अमेरिका के बाद इजरायल भारत का तीसरा सबसे बड़ा डिफेंस पार्टनर है. पिछले
तीन सालों में भारत ने इजराइल के साथ 26 हजार करोड़ रुपये के रक्षा सौदे किए
हैं. ऐसे में इजरायल का भारत को एक संभावनापूर्ण बाजार के रूप में देखना
लाजिमी है. माना जाता है कि भारत के 30 करोड़ नागरिक मध्य और उच्च मध्य
वर्ग के हैं, जिनकी क्रय शक्ति पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं के समान है. इजरायली
निर्यात के लिए यह सूचना काफी महत्वपूर्ण है. इजरायल का निजी क्षेत्र
भारतीय बाजार में प्रवेश को लेकर शिकायत भी करता रहा है. उम्मीद है, उसकी
शिकायतें जल्दी दूर हो जाएंगी.
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