सरकार ने दावा किया है एक लाख से भी
ज्यादा ग्राम पंचायत डिजिटल सेवाएं मुहैया कराने के लिए पूरी तरह से तैयार
है. देश भर में ढ़ाई लाख के करीब ग्राम पंचायत हैं जिनके तहत करीब छह लाख
गांव आते है. संचार मंत्री मनोज सिन्हा के मुताबिक,
भारत नेट के पहले चरण को लक्ष्य तारीख के मुताबिक पूरा कर लिया गया है. 31
दिसंबर 2017 तक कुल मिलाकर 1.01 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतो में ढ़ाई लाख
किलोमीटर से ज्यादा का ऑप्टिक फाइबर केबल बिछा दिया गया. अब ये सभी ग्राम
पंचायत डिजिटल सेवा मुहैया कराने को तैयार हैं. अब इन सभी ग्राम पंचायतो
में 100 मेगाबिट प्रति सेकेंड यानी एमबीपीएस की गति से इंटरनेट सेवा मुहैया
कराना संभव हो सकेगा. इसके जरिए ई गवर्नेंस, हेल्थकेयर, ई एजुकेशन और
दूसरी डिजिटल सेवाए गांवों में मुहैया करायी जा सकेगी.
सरकार ने डेढ़ लाख के करीब बचे ग्राम
पंचायतों में भारत नेट के दूसरे चरण का काम मार्च 2019 तक पूरा करने का
लक्ष्य रखा है. लेकिन सिन्हा के मुताबिक, कोशिश है कि इस साल के अंत तक के
ये काम पूरा कर लिया जाए. सरकार ने भारत नेट के लिए 4,066 करोड़ रुपये मजूर
किए है. परियोजना के तहत वाई-फाई या फिर किसी अन्य ब्रांडबैंड तकनीक के
जरिए गांवों तक इंटरनेट सुविधा मुहैया कराने की योजना है. सिन्हा ने ये भी जानकारी दी कि भारत नेट
के दूसरे चरण में विशेष प्रावधान शामिल किया जाए रहे हैं. इसके तहत समय पर
काम करने वालों को जहां वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाएंगे, वहीं जो लोग समय पर
काम पूरा नहीं कर पाएंगे, उनपर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
सिन्हा ने ये भी बताया कि भारत नेट
प्ररियोजना ने सरकारी क्षेत्र की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी इंडियन
टेलिफोन इंडस्ट्रीज यानी आईटीआई की बेहतरी में भी मदद की है. इन कंपनी को
परियोजना में इस्तेमाल होने वाले कई उपकरणों को तैयार करने का ठेका दिया
गया जिसकी वजह से अब ये कंपनी घाटे से ऊबर चुकी है औऱ जल्द ही इसे विशुद्ध
मुनाफा होने लगेगा.
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