ब्रिटेन के मीडिया संस्थान द इकोनॉमिस्ट ग्रुप की आर्थिक आसूचना इकाई प्रकाशित वार्षिक वैश्विक लोकतंत्र
सूचकांक में भारत को 42वें स्थान पर रखा गया है जो एक साल पहले की तुलना में 10
पायदान नीचे है. पिछले साल इस सूचकांक में भारत 32वें स्थान पर था. इस सूचकांक में नॉर्वे फिर से शीर्ष
स्थान पर है. आईलैंड और स्वीडन क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे हैं.
रपट में भारत दोषपूर्ण लोकतंत्र वाले देशों के वर्ग में शामिल किया गया है.
बाकी तीन वर्ग के देशों में पूर्ण लोकतंत्र, मिली-जुली व्यवस्था तथा
अधिनायकवादी व्यवस्था वाले देशों के हैं. सूचकांक में भारत का कुल मिला कर
प्राप्तांक गिरकर 7.23 पर आ गया है. चुनावी प्रक्रिया एवं बहुलवाद में
9.17 अंक प्राप्त करने के बाद भी अन्य चार पैमानों पर बुरे प्रदर्शन के
कारण देश का सूचकांक गिरा है. आर्थिक सतर्कता इकाई के अनुसार, रूढ़िवादी
धार्मिक विचारधाराओं के उभार ने भारत को प्रभावित किया है. धर्मनिरपेक्ष
देश होने के बावजूद दक्षिणपंथी हिंदू समूहों के मजबूत होने से अल्पसंख्यक
समुदायों विशेषकर मुस्लिमों के खिलाफ बेवजह निगरानी और हिंसा बढ़ी है.
इस साल की रिपोर्ट में विभिन्न
देशों में मीडिया की आजादी का भी अध्ययन किया गया है. रिपोर्ट में पाया गया
है कि भारत में मीडिया अंशत: आजाद है. सूचकांक के अनुसार, भारत में
पत्रकारों को सरकार, सेना तथा चरमपंथी समूहों से खतरा है. इसके अलावा हिंसा
के जोखिम ने भी मीडिया की कार्यशैली को प्रभावित किया है. रिपोर्ट के
अनुसार, भारत विशेषकर छत्तीसगढ़ और कश्मीर पत्रकारों के लिए खतरनाक हो गया
है. प्रशासन ने मीडिया की आजादी को कतर दिया है. कई अखबार बंद कर दिए गए
हैं तथा मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर काफी बड़े स्तर पर रोक लगाई गई है. 2017
में कई पत्रकारों की हत्या भी हुई है. यह सूचकांक 165 स्वतंत्र देशों तथा
दो प्रदेशों में पांच पैमानों चुनावी प्रक्रिया एवं बहुलवाद, नागरिकों की
स्वतंत्रता, सरकार की कार्यप्रणाली, राजनीतिक भागीदारी और राजनीतिक
संस्कृति के आधार पर तैयार किया गया है.
अमेरिका, जापान, इटली, फ्रांस,
इस्रायल, सिंगापुर और हांगकांग को भी दोषपूर्ण लोकतंत्रों की सूची में रखा
गया है. सूचकांक में शीर्ष दस देशों में न्यूजीलैंड, डेनमार्क, आयरलैंड,
कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, फिनलैंड और स्विट्जरलैंड शामिल हैं. पूर्ण लोकतंत्र
की श्रेणी में महज 19 देशों को स्थान मिला है. पाकिस्तान 110वें,
बांग्लादेश 92वें, नेपाल 94वें और भूटान 99वें स्थान के साथ मिश्रित
व्यवस्था में शामिल रहे हैं. तानाशाही व्यवस्था श्रेणी में
चीन, म्यामां, रूस और वियतनाम जैसे देश हैं. उत्तर कोरिया सबसे निचले
पायदान पर है जबकि सीरिया उससे महज एक स्थान ऊपर यानी 166 वें स्थान पर है.
वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र का सूचकांक 2016 के 5.52 अंक से गिरकर 2017 में
5.48 अंक पर आ गया है. 89 देशों के सूचकांक में गिरावट आई है. 27 देशों का
प्रदर्शन बेहतर हुआ है जबकि 51 देशों का स्कोर अपरिवर्तित रहा है.
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