भारत और ईरान के बीच दोहरे कर से बचने,
वीजा प्रक्रिया को आसान बनाने और प्रत्यर्पण संधि की पुष्टि करने सहित नौ
समझौते हुए हैं. शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा और
सुरक्षा, व्यापार और निवेश तथा ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के
लक्ष्य से ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ ठोस और फलदायी वार्ता
की. दोनों नेताओं ने इस भेंट के दौरान क्षेत्रीय हालात पर भी विस्तृत चर्चा
की. पीएम मोदी ने रणनीतिक तौर पर अहम चाबहार पोर्ट को विकसित करने में पेश किए गए नेतृत्व के लिए रूहानी की तारीफ भी की. संयुक्त वक्तव्य में पीएम मोदी ने कहा कि चाबहार पोर्ट के निर्माण में
आपने (ईरान) जिस तरह का नेतृत्व उपलब्ध कराया, मैं उसके लिए आपका शुक्रिया
अदा करता हूं. मैंने 2016 में तेहरान का दौरा किया था. अब आपके (हसन
रूहानी) यहां आने से हमारे रिश्ते और मजबूत होंगे. इस अवसर पर हसन रूहानी ने कहा कि हम दोनों देशों (भारत और ईरान) के बीच रेलवे
रिलेशन्स विकसित करना चाहते हैं. दोनों देशों (भारत और ईरान) के बीच के
संबंध व्यापार और कारोबार से आगे जाएंगे.
इससे पहले रूहानी का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया. उसके बाद वे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और
पीएम मोदी से राष्ट्रपति भवन में मिले. राष्ट्रपति रूहानी का यह दौरा
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भारत दौरे के करीब एक महीने के
बाद हुआ है. इसे भारत की तरफ से साथ संतुलन बनाने की दिशा के तौर पर देखा
जा रहा है. मोदी साल 2016 में ईरान दौरे पर गए थे. बीते 10 सालों में ईरान के किसी राष्ट्रपति का यह पहला भारत दौरा है.
भारत-ईरान के बीच ये 9 करार-
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