दिल्ली में आनंद मैरिज एक्ट लागू हो गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सिखों के विवाह के रजिस्ट्रेशन के
लिए आनंद कारज मैरिज एक्ट को लागू करने के लिए हरी झंडी दे दी. इसके बाद
110 वर्षों के संघर्ष के बाद आखिरकार आनंद मैरिज एक्ट राष्ट्रीय राजधानी
दिल्ली में लागू हो गया है. सिख धर्म के लोग अब इस एक्ट
के तहत अपनी शादी का पंजीकरण करा सकेंगे. यह एक्ट लागू करने की मांग 1909 में पहली बार
उठी थी. उप राज्यपाल अनिल बैजल ने यह एक्ट राष्ट्रीय राजधानी में लागू करने के लिए फाइल पर मंजूरी दी और अब अधिसूचना जारी कर दी गई. इसे लागू करने की मांग पिछले कई महीनों से दिल्ली सिख गुरुद्वारा
प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा कर रहे थे. इसको
लागू करने वाला दिल्ली चौथा राज्य होगा. इससे पहले पंजाब, हरियाणा और
झारखंड में यह लागू हो चुका है. इस एक्ट के लागू होने के बाद सिरसा ने कहा
कि वह केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और एलजी अनिल बैजल का धन्यवाद करते
हैं. सिख भाईचारे की यह माग काफी पुरानी थी. सिरसा ने अब सिखों से अपील की
है कि वे अपनी शादी का पंजीकरण इस एक्ट के अंतर्गत करवाएं और इसका लाभ
उठाएं.
सिरसा ने कहा कि कोई भी सिख इस एक्ट के तहत अपनी शादी का पंजीकरण करा
सकता है चाहे शादी एक्ट लागू होने की तारीख से पहले हुई हो. उन्होंने कहा
कि कानून पास होने बाद अब सिखों को एक अलग पहचान मिलेगी. उन्होंने कहा कि
शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की यह इच्छा है कि यह एक्ट
सभी राज्यों में लागू हो. वह अलग-अलग सरकारों और प्रशासकों के समक्ष यह
मामला उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक्ट पहले ही देश के प्रमुख राज्यों
में लागू हो चुका है. दिल्ली में इसका लागू होना एक अलग महत्व रखता है
क्योंकि यहा बड़ी संख्या में सिख रहते हैं. सिरसा ने बताया कि वह उन राज्यों
के सीएम से भी संपर्क करेंगे जहां अभी कानून लागू होना है. सिरसा ने बताया
कि बिहार और असम में कानून लागू करने की प्रक्रिया पूरी होने को है.
क्या है आनंद मैरिज एक्ट
केंद्र सरकार ने सात जून 2012 को आनंद मैरिज एक्ट बनाया था. इसमें
सिखों के आनंद कारज (शादी) का पंजीकरण होगा. अभी तक दिल्ली में सिखों की
शादी का पंजीकरण हिंदू मैरिज एक्ट 1955 में ही होता था. वर्ष 2011 की
जनगणना के अनुसार दिल्ली की 3.4 फीसद यानी छह लाख आबादी सिख धर्म को मानती
है. अभी विदेश जाने की दशा में सिखों को हिंदू मैरिज एक्ट में पंजीकरण के
कारण कई बार दिक्कतें आती हैं. कुछ जगह आनंद मैरिज एक्ट और हिंदू मैरिज
एक्ट को लेकर असमंजस भी है. इस एक्ट के लागू होने के बाद शुरुआती शादी होने के तीन महीने तक
रजिस्ट्रार बिना लेट फीस के पंजीकरण करेंगे. तीन महीने से छह महीने के बीच
जुर्माना लगेगा, जबकि छह महीने से एक साल की देरी होती है तो रजिस्ट्रार की
अनुमति और एक साल से ज्यादा देरी की दशा में चीफ रजिस्ट्रार की अनुमति
अनिवार्य रहेगी.
No comments:
Post a comment