केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि
पिछले 20 वर्षों से अपना देश दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बना हुआ
है. इस उपलब्धि को हासिल करने में एनडीआरआई जैसे अनुसंधान सस्थानों का
योगदान रहा है, जो डेयरी क्षेत्र की तकनीकी और मानव संसाधन आवश्यकताओं को
पूरा करते आये हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह बात आज करनाल में
भा.कृ.अनु.प.-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान
(एन.डी.आर.आई.,मानितविश्वविद्यालय) के 16वें दीक्षांत समारोह में कही.
केंद्रीय
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि विगत 3 वर्षों मे दुग्ध उत्पादन 137.7 मिलियन
टन से बढ़कर 165.4 मिलियन टन हो गया है. वर्ष 2014 से 2017 के बीच वृद्धि 20
% से भी अधिक रही है.
इसी तरह प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 2013-14 में 307 ग्राम से बढकर वर्ष
2016-17 में 355 ग्राम हो गई है जोकि15.6% की वृद्धि है. इसी प्रकार
2011-14. की तुलना में 2014-17 में डेयरी किसानों की आय में 23.77% की
वृद्धि हुई. सिंह ने कहा कि भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध
है कि देश के किसान ज्यादा से ज्यादा आय अर्जित करें, युवाओं को रोजगार
मिले, आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को उनका अपना हक मिले, बेहतर शिक्षा और
स्वास्थ्य की सुविधा मिले.
सिंह ने
बताया कि पशुपालन योजनाओं का लाभ सीधे किसानों के घर तक पहुँचे, इसके लिए
सरकार द्वारा एक नई योजना ''नेशनल मिशन आन बोवाइन प्रोडक्टीविटी'' अर्थात्
''गौपशु उत्पादकता राष्ट्रीय मिशन'' को शुरू किया गया है. इस योजना में
ब्रीडिंग इन्पुट के द्वारा मवेशियों और भैंसों की संख्या बढ़ाने हेतु
आनुवांशिक अपग्रेडेशन के लिए सरकार द्वारा 825 करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे
हैं. दुग्ध उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करके डेयरी कारोबार को लाभकारी
बनाने के लिए यह योजना अपने उद्देश्य में काफी सफल रही है. सरकार द्वारा
प्रजनकों (ब्रीडरों) के साथ दुग्ध उत्पादकों को जोड़ने के लिए पहली बार,
ई-पशुहाट पोर्टल राष्ट्रीय गौपशु उत्पादकता मिशन के तहत बनाया गया.
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