विश्व गौरैया दिवस हर साल 20 मार्च को विश्व स्तर पर चिड़ियों की सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है. इस वर्ष WSD का विषय है- 'I Love Sparrows'. यह दिवस पूरी दुनिया में गौरैया पक्षी
के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. घरों को
अपनी चीं-चीं से चहकाने वाली गौरैया अब दिखाई नहीं देती. इस छोटे आकार वाले
खूबसूरत पक्षी का कभी इंसान के घरों में बसेरा हुआ करता था और बच्चे बचपन
से इसे देखते बड़े हुआ करते थे. अब स्थिति बदल गई है. गौरैया के अस्तित्व
पर छाए संकट के बादलों ने इसकी संख्या काफ़ी कम कर दी है और कहीं-कहीं तो
अब यह बिल्कुल दिखाई नहीं देती.
'विश्व गौरैया दिवस' पहली बार वर्ष 2010 में मनाया गया था. यह दिवस प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को पूरी दुनिया में गौरैया पक्षी के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. एक-दो दशक पहले हमारे घर-आंगन में फुदकने वाली गौरैया आज विलुप्ति के
कगार पर है. इस नन्हें से परिंदे को बचाने के लिए ही पिछले तीन सालों से
प्रत्येक 20 मार्च को 'विश्व गौरैया दिवस' के रूप में मनाते आ रहे हैं,
ताकि लोग इस नन्हीं-सी चिड़िया के संरक्षण के प्रति जागरूक हो सकें. भारत में गौरैया की संख्या लगातार घटती ही जा रही है. कुछ वर्षों पहले आसानी से दिख जाने वाला यह पक्षी अब तेज़ी से विलुप्त हो रहा है. दिल्ली में तो गौरैया इस कदर दुर्लभ हो गई है कि ढूंढे से भी ये पक्षी नहीं मिलता, इसलिए वर्ष 2012 में दिल्ली सरकार ने इसे राज्य-पक्षी घोषित कर दिया.
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