प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में 16वीं अंतर्राष्ट्रीय
ऊर्जा मंच मंत्री बैठक का उद्घाटन किया है. यह ऊर्जा खपत, उत्पादन और
पारगमन देशों से इकठ्ठा होने वाले मंत्रियों की सबसे बड़ी सभा है. इसकी मेजबानी भारत और सह-मेजबानी चीन और कोरिया द्वारा की गयी है. बैठक का लक्ष्य वैश्विक बदलाव, पारगमन नीतियां और बाजार की स्थिरता को प्रभावित करती नई प्रौद्योगिकियां और उर्जा क्षेत्र में भविष्य में होने वाले निवेश पर ध्यान देना है. पीएम ने अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच की
बैठक में ओपेक के प्रमुख सदस्य सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री खालिद -ए -अल
- फालिह की मौजूदगी में सभी को सलाह देते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि तेल
उत्पादन करने वाले देश कच्चे तेल की कीमतें तर्कसंगत और जिम्मेदारी से तय
करें. कहा कि ऐसा करने पर ही सभी को सस्ती उर्जा मुहैया कराना संभव हो
पायेगा. इस 16 वीं बैठक में दुनिया भर के तेल उत्पादक देशों प्रमुख सदस्य
मौजूद थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगाह किया कि तेल की कीमतों में
बनावटी तेजी लाने की कोशिश घातक होगी. सभी को याद दिलाया कि कच्चे तेल के
उपभोक्ता दुनिया में बाजार का विस्तार कर रहे हैं. ऐसे में सही तरीके से
कीमत तय किया जाना तेल उत्पादक देशों के हित में रहेगा. बता दें कि मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कच्चे तेल के इंडियन
बास्केट की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गयी है. इसकी वजह से डीजल की
कीमत अब तक के अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गयी है. साथ ही पेट्रोल चार
साल के उंचे स्तर पर आ गया है. पीएम मोदी ने कहा कि देश को गरीबों के लिए
साफ और सस्ती ऊर्जा चाहिए. साथ ही इसकी उपलब्धता लगातार बनी रहनी चाहिए. इस
क्रम में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की ओऱ से भारत की विकास दर ऊंची
रहने के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा कि जहां विकास दर बढ़ी है, वहीं
महंगाई की दर कम रही है.
विकास की जरुरतों को देखते हुए अगले दो से पांच साल में देश में भारत
में ऊर्जा की मांग सबसे ज्यादा होगी, लेकिन खास बात होगी कि प्राथमिक
ऊर्जा स्रोत के रूप में कोयले की मांग धीरे-धीरे खत्म होने की संभावना है.
मोदी के अनुसार अगले 25 सालों तक भारत में ऊर्जा की खपत 4.5 प्रतिशत
प्रतिवर्ष की दर से बढ़ेगी. कहा कि देश में ऊर्जा के भविष्य को लेकर उनका
नजरिया चार स्तंभों एनर्जी एक्सेस (ऊर्जा तक पहुंच), एनर्जी इफिशियंसी
(ऊर्जा की उपयोगिता), एनर्जी सस्टेनेबिलिटी (ऊर्जा की लगातार उपलब्धता) और
एनर्जी सिक्योरिटी (ऊर्जा सुरक्षा) पर टिका है. पीएम ने कहा कि ऊनकी सरकार
का ऊर्जा के एकीकरण सहित आम जन तक ऊर्जा पहुंचाने की सोच में विश्वास है.
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