रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश
अंबानी अब बैंकिंग बिजनेस में पेमेंट बैंक के जरिए प्रवेश कर रहे हैं. जियो
पेमेंट बैंक लिमिटेड मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और
सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई का 70-30 का संयुक्त वेंचर है.
जियो के पेमेंट बैंक की शुरुआत आज से हो गई है. यह जानकारी भारतीय रिजर्व
बैंक ने दी है. रिलायंस को अगस्त 2015 में आरबीआई की ओर
से पेमेंट्स बैंक खोलने के लिए इन प्रिंसिंपल
अप्रूवल मिला था. जियो के बीते वर्ष मार्च में इसका संचालन करने के लिए
लाइसेंस मिला था. बीते वर्ष जियो इंफोकॉम लिमिटेड ने पेमेंट
बैंक में लेनदेन का संचालन करने के लिए 4जी फीचर फोन पेश किया था. यह देश
का सबसे ज्यादा खरीदा जाने वाला फीचर फोन बन गया है.
इस फोन की मदद से
यूजर्स अपने डिवाइस को यूपीआई आधारित पेमेंट्स और अन्य बैंकिंग लेनदेन के
लिए इसे लिंक कर सकते हैं. पहले रिलायंस की योजना पिछले साल जियो फोन की
डिलिवरी के साथ ही बैंकिंग सेवाएं पेश करने की योजना थी. जियो की प्रतिस्पर्धी भारती एयरटेल नवंबर 2016 में पेमेंट्स बैंक लॉन्च
करने वाली पहली कंपनी थी. उसके बाद विजय शेखर शर्मा की पेटीएम, आदित्य
बिड़ला ग्रुप और फिनो सहित कंपनियों ने अपने पेमेंट बैंकिंग ऑपरेशन्स शुरू
किये.
पेमेंट बैंक क्या कर सकते हैं और क्या नहीं:
• लोन की पेशकश नहीं कर सकते हैं. आपके खाते में एक लाख रुपए तक की राशि
जमा कर सकते हैं और आम बैंकों के सेविंग खातों की ही तरह जमा राशि पर ब्याज
का भुगतान कर सकते हैं.
• इसमें सिर्फ मोबाइल फोन के माध्यम से पैसे स्थानांतरित और भेजे जा सकते हैं.
• ये तमाम तरह की सेवाएं आपको उपलब्ध करवाते हैं जैसे कि आप इसके जरिए
बिलों का भुगतान कर सकते हैं, बिना नकदी के कोई सामान खरीद सकते हैं और
मोबाइल फोन के माध्यम से चैकलैस ट्रांजेक्शन कर सकते हैं.
• ये डेबिट और एटीएम कार्ड भी जारी कर सकते हैं जिन्हें आप सभी बैंकों की एटीएम मशीन में जाकर इस्तेमाल कर सकते हैं.
• ये सीधे तौर पर बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं, बैंक से जोड़ने वाले इस गेटवे के लिए कोई भी शुल्क नहीं लगता है.
• ये यात्रियों को विदेशी मुद्रा कार्ड प्रदान कर सकते हैं, जिसका
इस्तेमाल डेबिट और एटीएम कार्ड के तौर पर पूरे भारत में कहीं भी किया जा
सकता है.
• ये अन्य बैंकों की तुलना में कम शुल्क पर विदेशी मुद्रा सेवाएं प्रदान कर सकते हैं.
• वे थर्ड पार्टी के लिए कार्ड स्वीकृति तंत्र (मैकेनिज्म) भी प्रदान कर सकते हैं जैसे कि 'ऐप्पल पे’.
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