रेलवे और फ्रांस की कंपनी एल्सताम की साझेदारी में यह देश का पहला संयुक्त रेल इंजन कारखाना है. इसके लिए 2015 में समझौता हुआ और रेल क्षेत्र में यह अब तक का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है. परियोजना के तहत ज्वाइंट वेंचर कंपनी इसमें 1,300 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश कर रही है. इसमें रेलवे 26 प्रतिशत की भागीदार और 100 करोड़ रुपए की शेयर पूंजी का योगदान कर रही है. भारतीय रेल इस कारखाने से 11 साल में 800 इंजन खरीदेगी. 2019 तक पहले पांच इंजन एसेंबल किए जाएंगे जबकि बाकी 800 इंजन का विनिर्माण मेक इन इंडिया के तहत किया जाएगा. कारखाने में 2021-22 से सालाना 100 इलेक्ट्रिक इंजन का विनिर्माण किया जाएगा. मंत्रालय के मुताबिक, 20000 करोड़ रुपए से अधिक अनुमानित लागत वाले इस
कारखाने में 35 से अधिक इंजीनियरों का दल दिन-रात इंजन एसेंबल के काम में
लगा है. लगभग 250 एकड़ क्षेत्र में फैली कारखाने की आधारशिला 2007 में रेल मंत्री लालू प्रसाद ने रखी थी.
11 April 2018
मोदी ने किया भारत की प्रथम ऑल-इलेक्ट्रिक हाई-स्पीड ट्रेन का शुभारंभ
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a comment