विश्व दूरसंचार दिवस 17 मई को दुनिया भर में मनाया गया. यह दिन 17 मई 1865 को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की स्थापना की स्मृति में विश्व दूरसंचार दिवस के रूप में जाना जाता
है. वर्ष1973 में मैलेगा-टोर्रीमोलिनोन्स में एक सम्मेलन के दौरान इसे
घोषित किया गया. इस दिन का मुख्य उद्देश्य इंटरनेट और नई प्रौद्योगिकियों
द्वारा लाया गया सामाजिक परिवर्तनों की वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है. आज के आधुनिक युग में फोन, मोबाइल इंटरनेट
लोगों की प्रथम आवश्यकता बन गये हैं, इसके बिना जीवन की कल्पना करना बहुत
ही मुश्किल है. सूचना संचार प्रौद्योगिकी के लाभ के प्रति लोगों में
जागरूकता पैदा करने तथा लोगों को सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सुलभ कराने
के उद्देश्य से ही यह दिवस
मनाया जाता है.
नवंबर
2006 में टर्की में आयोजित पूर्णाधिकारी कांफ्रेंस में यह
निर्णय लिया गया कि 'विश्व दूरसंचार' एवं 'सूचना' एवं 'सोसाइटी दिवस', को
एक साथ, एक ही दिन मनाया जाए.
इस दिन का मुख्य उद्देश्य इंटरनेट, टेलीफोन टेलीविजन के द्वारा तकनीकी
दूरियों को कम करना आपसी संचार सम्पर्क को बढ़ाना भी है. पहले जहाँ किसी से
संपर्क साधने के लिए लोगों को काफ़ी मशक्कत करनी पड़ती थी, वहीं आज मोबाइल
इंटरनेट ने इसे बहुत ही आसान बना दिया है. व्यक्ति कुछ ही सेकेंड में बेहद
असानी से दोस्तों, परिवार सगे संबधियों से संपर्क साध सकता है.
यह
दूरसंचार की क्रांति है, जिसकी बदौलत भारत जैसे कुछ विकासशील देशों की
गिनती भी विश्व के कुछ ऐसे देशों में होती है, जिनकी अर्थव्यवस्था तेज़ी से
रफ्तार पकड़ रही है. आज हम दूरसंचार के मामले में काफी आगे निकाल चुके
हैं, थ्री जी , फोर जी टेक्नोलॉजी पर सवार हो भारत तेज़ गति से आगे बढ़ रहा
है. लेकिन कहते हैं ना कि अति हर चीज़ कि हानिकारक होती है, उसी तर्ज पर
इसके अत्यधिक इस्तेमाल ने हमारी आधुनिक पीढ़ी को पंगु बना दिया है, साथ ही
गलत जगह इस्तेमाल करने से, जैसे गाड़ी चलाते समय या रोड पर करते समय मोबाइल
के उपयोग से कई हादसे भी होते हैं, इस ओर भी हमे ध्यान देने की जरुरत है.
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