भारत की 16 साल की लड़की शिवांगी पाठक ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट
को फतह कर इतिहास रच दिया. वह ऐसा करनेवालीं सबसे युवा महिलाओं की लिस्ट
में शामिल हो गई हैं. हरियाणा के हिसार में जन्मी शिवांगी ने बताया कि वह
एवरेस्ट पर चढ़कर दुनिया को यह दिखाना चाहती थीं कि महिलाएं किसी भी लक्ष्य
को पा सकने में सक्षम होती हैं. शिवांगी ने यह कारनामा 'सेवन समिट ट्रेक'
में हिस्सा लेने के दौरान किया. एवरेस्ट (29,000 फुट) पर सफल चढ़ाई से शिवांगी काफी खुश हैं, उन्होंने
दिव्यांग पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को अपनी प्रेरणा बताया. बता दें कि
अरुणिमा सिन्हा माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली विश्व की पहली
दिव्यांग पर्वतारोही हैं. शिवांगी हमेशा से माउंट एवरेस्ट पर सफल चढ़ाई का
सपना देखा करती थीं.
इस समिट में शिवांगी से पहले अरुणाचल प्रदेश की मुरी लिंग्गी ने एवरेस्ट को फतह किया. 40 साल की लिंग्गी चार बेटियों की मां हैं. उन्होंने 14 मई को सुबह 8 बजे दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतह किया. वह तिन मेना और अंशु जामसेनपा के बाद एवरेस्ट फतह करने वाली अरुणाचल प्रदेश की तीसरी महिला हैं।.लिंग्गी ने 2013 में पश्चिम कमेंग जिले में राष्ट्रीय पर्वतारोहण और संबंधित खेल संस्थान से पर्वतारोहण का कोर्स किया था. इससे पहले वह हिमाचल प्रदेश की मेंथोसा चोटी और 2017 में अरुणाचल की गोरीचेन चोटी फतह कर चुकी हैं. उनकी प्रेरणा तिन मेना अरूणाचल प्रदेश की वह पहली महिला थी जिन्होंने 2011 में माउंट एवरेस्ट फतह की थी.
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