भारत-दक्षिण अफ्रीका व्यावसायिक शिखर सम्मेलन जोहान्सबर्ग में 29-30 अप्रैल को संपन्न हुई. वाणिज्य और उद्योग मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने
जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में भारत-दक्षिण अफ्रीका व्यापार शिखर सम्मेलन
में भाग लिया. यह यात्रा द्विपक्षीय बैठकों की एक श्रृंखला के साथ शुरू हुई. मंत्री ने भारत और स्वाजीलैंड, बोत्सवाना और लेसोथो के बीच ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डाला और आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने का संकल्प व्यक्त किया. इस दौरान सुरेश प्रभु ने भारत-दक्षिण अफ्रीका सीईओ फोरम के सदस्यों से भी
भेंट की, जिन्होंने भारत-अफ्रीका संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत सरकार
द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर पूरा भरोसा जताया और इन
संबंधों को आगे
बढ़ाने के लिए अपनी ओर से भरपूर समर्थन का वादा किया.एक अधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रभु ने दक्षिण अफ्रीकी विकास समुदाय (एसएडीसी) के मंत्रियों से भी मुलाकात की और भारत-एसएडीसी संवाद में भाग लिया, जिसमें विभिन्न मंत्रियों एवं कारोबारी हस्तियों ने भाग लिया. इन मंत्रियों एवं कारोबारी हस्तियों ने व्यापार, निवेश एवं आर्थिक सहयोग के जरिए समृद्धि हासिल करने के लिए अपनी ओर से अथक प्रयास करने का संकल्प व्यक्त किया. बयान के अनुसार, मंत्री ने शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित किया और भारत एवं दक्षिण अफ्रीका के बीच समुचित सामंजस्य बिठाने के बारे में चर्चा की, जो विरासत से एकजुट हैं और समृद्धि के लिए एकीकृत हैं.
प्रभु ने कहा कि
यह शिखर सम्मेलन लाभप्रद साबित होगा और भारत एवं दक्षिण अफ्रीका अगले कुछ
वर्षो में तेज विकास के पथ पर अग्रसर हो जाएंगे. अपने दौर के आखिर में प्रभु ने वहां रह रहे अनिवासी भारतीयों से मुलाकात की
और कहा कि वे 150 वर्षो से भी अधिक अवधि से दोनों देशों के बीच एक पुल की
भूमिका निभा रहे हैं तथा आर्थिक एवं वाणिज्यक सहयोग के उज्जवल भविष्य की
दृष्टि से अनिवासी भारतीयों से काफी उम्मीदें हैं.
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