प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता
में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शहरी नियोजन और विकास के क्षेत्र में सहयोग के
लिए भारत और सिंगापुर के बीच समझौता ज्ञापन को पूर्व प्रभाव से अपनी
स्वीकृति दे दी है. समझौता ज्ञापन पर 31 मई, 2018 को हस्ताक्षर किए गए
थे. इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शहरी विकास तथा प्रबंधन और अन्य
क्षेत्रों में सिंगापुर की एजेंसियों की विशेषज्ञता का लाभ लेने के लिए
पालिका निकायों सहित केंद्र और राज्यों की सरकारी एजेंसियों को सहायता
देना और इस तरह शहरी संरक्षण, मिशन में मदद देना है. इसे नीति आयोग में
क्षमता सृजन होगा और साक्ष्य आधारित नीति लेखन, मूल्यांकन आदि में
अधिकारी कौशल संपन्न होंगे और नीति आयोग को और अधिक
कारगर ढ़ंग से थिंक टैंक की भूमिका निभाने में मदद मिलेगी.
समझौता ज्ञापन के अंतर्गत नियोजन के क्षेत्र में क्षमता सृजन कार्यक्रम चलाया जाएगा, जिसमें शहरी नियोजन, जल तथा गंदा जल प्रबंधन, ठोस कचरा प्रबंधन, परिवहन प्रणाली तथा जन वित्त पोषण (सार्वजनिक निजी साझेदारी) का कार्य किया जाएगा. इस समझौता ज्ञापन से श्रेष्ठ व्यवहारों के ज्ञान का प्रसार होगा, क्षमता सृजन होगातथा शहरी नियोजन, जल तथा गंदा जल प्रबंधन, ठोस कचरा प्रबंधन, परिवहन प्रणाली तथा जन वित्त पोषण (सार्वजनिक निजी साझेदारी) को समर्थन मिलेगा. केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा शहरी स्थानीय निकायों के अधिकारियों को प्रत्यक्ष रूप से ज्ञान आधार बढ़ाने का आधार मिलेगा और यह लाभ शहरी नागरिक सुविधाओं के रूप में दिखेगा.
कारगर ढ़ंग से थिंक टैंक की भूमिका निभाने में मदद मिलेगी.
समझौता ज्ञापन के अंतर्गत नियोजन के क्षेत्र में क्षमता सृजन कार्यक्रम चलाया जाएगा, जिसमें शहरी नियोजन, जल तथा गंदा जल प्रबंधन, ठोस कचरा प्रबंधन, परिवहन प्रणाली तथा जन वित्त पोषण (सार्वजनिक निजी साझेदारी) का कार्य किया जाएगा. इस समझौता ज्ञापन से श्रेष्ठ व्यवहारों के ज्ञान का प्रसार होगा, क्षमता सृजन होगातथा शहरी नियोजन, जल तथा गंदा जल प्रबंधन, ठोस कचरा प्रबंधन, परिवहन प्रणाली तथा जन वित्त पोषण (सार्वजनिक निजी साझेदारी) को समर्थन मिलेगा. केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा शहरी स्थानीय निकायों के अधिकारियों को प्रत्यक्ष रूप से ज्ञान आधार बढ़ाने का आधार मिलेगा और यह लाभ शहरी नागरिक सुविधाओं के रूप में दिखेगा.
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