गुजरात के 18 हजार गांवों को बिजली पहुंचाने वाली ज्योति ग्राम योजना के
बाद राज्य सरकार ने किसानों की बिजली समस्या के स्थायी समाधान के लिए
सूर्य शक्ति किसान योजना शुरू की है. खेतों में सोलर पैनल लगाने के लिए
सरकार भारी भरकम सब्सिडी देने जा रही है. इससे पैदा होने वाली बिजली का
किसान इस्तेमाल करेंगे और बची बिजली सरकार को बेचेंगे. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने गांधीनगर में
सूर्य शक्ति किसान योजना की घोषणा की. उन्होंने बताया कि राज्य के किसान
पांच फीसद रकम लगाकर अपने खेतों में सोलर पैनल लगा सकेंगे. 60 फीसद रकम
सरकार देगी और 35 फीसद उन्हें कर्ज लेना होगा. अगले दो जुलाई से राज्य के
सभी 33 जिलों में 137 सीडर लगाने का काम शुरू हो जाएगा.
इस योजना से 12,400 किसानों को लाभ मिल सकेगा. सरकार इन किसानों से सात
वर्ष तक सात रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदेगी. इसके बाद 18 साल तक
साढ़े तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी जाएगी. इस योजना के लिए
सरकार ने 800 करोड़ रुपये का कोष बनाया है. किसानों को नाबार्ड की ओर से
कर्ज दिया जाएगा. इस योजना के जरिये सरकार को प्रति वर्ष 175 मेगावाट बिजली
पैदा होने की उम्मीद है. इससे पानी व बिजली की बचत होगी. साथ ही किसान की
आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को भी हासिल किया
जा सकेगा.
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि किसानों को कर्ज माफी व मुफ्त चीजें
देने की मांग होती है, लेकिन गुजरात सरकार किसानों को ही कंपनी का मालिक
बनाकर उनकी आय बढ़ाना चाहती है. सूर्य शक्ति योजना के बाद किसानों को खेतों
में रात काली करने की जरूरत नहीं होगी. वे दिन में ही पंप चलाकर सभी काम
कर सकेंगे. ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल ने बताया कि आम तौर पर किसान 26 फीसद बिजली का
ही उपयोग कर पाएंगे. बाकी बिजली सरकार को बेचने से किसानों को सीधे आय
होगी.
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