स्वीडन की स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI ईयरबुक 2018)
की रिपोर्ट में एशिया की तीन बड़ी सैन्य शक्तियों भारत, पाकिस्तान और चीन
के परमाणु हथियारों के बारे में दिचलस्प खुलासे किए गए हैं. 'न्यूक्लियर
वार हेड्स नॉट डेल्हीज वार फाइटिंग वेपन बट टूल फॉर रिटैलियन' नामक इस
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन, भारत और पाकिस्तान ने पिछले एक साल में
अपने परमाणु हथियारों के जखीरे में पर्याप्त इजाफा किया है. पाकिस्तान और
चीन में भारत के मुकाबले ज्यादा परमाणु हथियार हैं, इसके बावजूद विश्वसनीय
तरीके से भारत की धमक बनी हुई है क्योंकि भारत एक जिम्मेदार न्यूक्लियर
पावर है.
रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में परमाणु हथियार रखने वाले सभी देश नए परमाणु हथियार प्रणालियों का विकास कर रहे हैं और अपने मौजूदा सिस्टम का आधुनिकीकरण कर रहे हैं. दूसरी तरफ, दुनिया भर में शांति अभियानों में लगे लोगों में कमी आ रही है. SIPRI की ताजा रिपोर्ट के अनुसार एशिया के इन तीनों देशों ने न केवल अपने न्यूक्लियर वेपन डिलिवरी सिस्टम को पुख्ता किया है बल्कि अपने परमाणु हथियारों की संख्या भी बढ़ाई है. इन देशों में अब उन्नत और छोटे परमाणु हथियारों के विकास पर जोर दिया जा रहा है. परमाणु हथियारों की कुल संख्या के मामले में पाकिस्तान अभी भी भारत से आगे है.
एशिया महाद्वीप में यह तेजी ऐसे समय पर आई है जब पश्चिमी देशों में परमाणु हथियारों को लेकर स्थिरता है. सोमवार को जारी इस वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के परमाणु हथियारों की संख्या इस साल बढ़कर 280 हो गई है जो पिछले वर्ष 270 थी. बता दें कि चीन ने पिछले साल अपनी सेना पर 228 अरब डालर खर्च किया था जो अमरीका के 610 अरब डालर के बाद सबसे ज्यादा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दो धुर विरोधी राष्ट्रों भारत और पाकिस्तान ने पिछले साल अपने परमाणु हथियारों की संख्या में वृद्धि की है. इन दोनों ही देशों ने परमाणु हथियारों के लिए जमीन, हवा तथा समुद्र से दागे जाने वाले मिसाइलों का विकास तेज कर दिया है. भारत और पाकिस्तान ने पिछले एक साल में अपने जखीरे में 10-10 परमाणु हथियार बढ़ाए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में परमाणु हथियार रखने वाले सभी देश नए परमाणु हथियार प्रणालियों का विकास कर रहे हैं और अपने मौजूदा सिस्टम का आधुनिकीकरण कर रहे हैं. दूसरी तरफ, दुनिया भर में शांति अभियानों में लगे लोगों में कमी आ रही है. SIPRI की ताजा रिपोर्ट के अनुसार एशिया के इन तीनों देशों ने न केवल अपने न्यूक्लियर वेपन डिलिवरी सिस्टम को पुख्ता किया है बल्कि अपने परमाणु हथियारों की संख्या भी बढ़ाई है. इन देशों में अब उन्नत और छोटे परमाणु हथियारों के विकास पर जोर दिया जा रहा है. परमाणु हथियारों की कुल संख्या के मामले में पाकिस्तान अभी भी भारत से आगे है.
एशिया महाद्वीप में यह तेजी ऐसे समय पर आई है जब पश्चिमी देशों में परमाणु हथियारों को लेकर स्थिरता है. सोमवार को जारी इस वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के परमाणु हथियारों की संख्या इस साल बढ़कर 280 हो गई है जो पिछले वर्ष 270 थी. बता दें कि चीन ने पिछले साल अपनी सेना पर 228 अरब डालर खर्च किया था जो अमरीका के 610 अरब डालर के बाद सबसे ज्यादा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दो धुर विरोधी राष्ट्रों भारत और पाकिस्तान ने पिछले साल अपने परमाणु हथियारों की संख्या में वृद्धि की है. इन दोनों ही देशों ने परमाणु हथियारों के लिए जमीन, हवा तथा समुद्र से दागे जाने वाले मिसाइलों का विकास तेज कर दिया है. भारत और पाकिस्तान ने पिछले एक साल में अपने जखीरे में 10-10 परमाणु हथियार बढ़ाए हैं.
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