भारत और ब्रिटेन के बीच रणनीतिक स्थिरता, आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने और समुद्री इलाके में सकारात्मक माहौल सुनिश्चित करने के लिए दोनो देशों की नौसेनाओं के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास 'आईएन-आरएन कोंकण 2018' गोवा में 29 नवम्बर 2018से शुरू हो गया है. इसमें दोनों देशों के नौसैनिक एक दूसरे के साथ एक सप्ताह से भी अधिक समय तक रण कौशल के विभिन्न गुर तथा अनुभव साझा करेंगे. दोनो देशों के बीच हो रहे इस अभ्यास में हवा और जमीन से किये जाने वाले हमलों से निपटने तथा पनडुब्बी रोधी प्रणालियों का अभ्यास विशेष रूप से किया जायेगा.
नौसैनिक सहयोग दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक संबंधों पर आधारित है. दोनों देशों की नौसेनाओं ने पिछले वषरें में प्रशिक्षण आदान-प्रदान और तकनीकी सहयोग जैसी द्विपक्षीय गतिविधियां की हैं. कोंकण युद्धाभ्यास दोनों देशों की नौसेनाओं को एक ऐसा मंच प्रदान करता है, जहां समुद्र और बंदरगाह में समय-समय पर युद्धाभ्यास हो सके, ताकि दोनो देशों के बीच परस्पर व्यवहार निर्मित किया जा सके और बेहतरीन कार्यप्रणाली का आदान-प्रदान किया जा सके. पिछले कुछ वर्षो में आईएन-आरएन युद्धाभ्यास के परिणामस्वरूप द्विपक्षीय युद्धाभ्यास के संबंध में आपसी संतुष्टि बढ़ी है. इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य एक दूसरे के अनुभवों से आपसी लाभ प्राप्त करना है और यह दोनों देशों के बीच सहयोग जारी रखने का संकेत भी है.
रॉयल नेवी का प्रतिनिधित्व एचएमएस ड्रैगन, टाइप 45 क्लास विध्वंसक पोत करेगा जो वाइल्डकैट हेलीकॉप्टर से लैस है. भारतीय नौसेना आईएनएस कोलकाता को उतारेगी, यह पहला नवीनतम कोलकाता क्लास विध्वंसक पोत है, जिसमें सीकिंग और एक आईएन पनडुब्बी लगी है. साथ ही आईएन समुद्री गश्ती विमान डोर्नियर भी युद्धाभ्यास में भाग लेगा. कोंकण युद्धाभ्यास श्रृंखला की शुरूआत 2004 में हुई थी और तब से इसमें बढ़ोत्तरी हुई है. कोंकण 2018 युद्धाभ्यास 28 नवम्बर से 06 दिसम्बर तक गोवा में होगा. जिसमें दोनों देशों की नौसेनाओं की यूनिटें भाग लेंगी. बंदरगाह चरण 28 नवम्बर से 30 नवम्बर तक चलेगा, जिसके बाद 02 दिसम्बर से 06 दिसम्बर तक समुद्री चरण जारी होगा.
No comments:
Post a comment