नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारत में ड्रोन उड़ाने के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया आरंभ कर दी है. मंत्रालय ने इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल ‘डिजिटल स्काई' की शुरुआत की है, जिसके जरिए रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. विदित हो कि केंद्र सरकार ने अगस्त 2018 में ड्रोन उड़ाने के लिए नियम एवं शर्तें तय किये थे. ये नियम एक दिसंबर से प्रभावी हो गए हैं. इन नियमों के अंतर्गत ड्रोन का इस्तेमाल करने वालों को अपने ड्रोन का एक बार रजिस्ट्रेशन कराना होगा. उन्हें ड्रोन के पायलट और मालिक का विवरण भी दर्ज कराना होगा. मंत्रालय की ओर से जारी की गई ड्रोन पॉलिसी 1.0 के मुताबिक, ड्रोन को वजन के आधार
पर पांच श्रेणियों में बांटा गया है: नैनो, माइक्रो, स्माल, मीडियम और लार्ज. मंत्रालय ने कुछ जगहों को 'नो ड्रोन जोन' घोषित किया है. एयरपोर्ट्स के आसपास, इंटरनेशनल बॉर्डर, दिल्ली में विजय चौक, सभी राज्यों की राजधानी में स्थित सचिवालय, मिलिट्री इंस्टालेशंस तथा अन्य कूटनीतिक लोकेशन.
पर पांच श्रेणियों में बांटा गया है: नैनो, माइक्रो, स्माल, मीडियम और लार्ज. मंत्रालय ने कुछ जगहों को 'नो ड्रोन जोन' घोषित किया है. एयरपोर्ट्स के आसपास, इंटरनेशनल बॉर्डर, दिल्ली में विजय चौक, सभी राज्यों की राजधानी में स्थित सचिवालय, मिलिट्री इंस्टालेशंस तथा अन्य कूटनीतिक लोकेशन.
बता दें कि ड्रोन के व्यावसायिक इस्तेमाल की मंजूरी सिर्फ वहीं तक उड़ाने की मिली है जहां तक नजर पहुंच सके. नजर की पहुंच 450 मीटर तक होती है. नैनो ड्रोन और राष्ट्रीय तकनीकी शोध संगठन और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को छोड़ सभी ड्रोन का पंजीकरण अनिवार्य है. खबरों की मानें तो ड्रोन को हवाई अड्डे, अंतरराष्ट्रीय सीमा, तट रेखा के पास, राज्य सचिवालय परिसरों, सामरिक ठिकानों, सैन्य प्रतिष्ठानों और देश की राजधानी में विजय चौक के आसपास नहीं उड़ाया जा सकता है. वेडिंग या किसी दूसरे फंक्शन की ड्रोन फोटोग्राफी के लिए परमीशन लेनी होगी.
रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले आपको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पोर्टल ‘डिजिटल स्काई' digitalsky.dgca.gov.in/register पर जाना होगा. इसके बाद आपको यहां दिए आॅप्शन में डिटेल भरनी होगी. यहां आपका नाम/फर्म का नाम भरना होगा. इसके बाद नीचे इमेल आर्इडी डालने के बाद पासवर्ड कंफरमेंशन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी. इसके बाद वैरीफिकेशन आदि की फॅारमैलिटी पूरी करनी होगी.
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