उत्तराखंड में वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने 18 फरवरी 2019 को आगामी वित्त वर्ष 2019-20 का 48,663 करोड़ रुपये का आर्थिक बजट विधानसभा में प्रस्तुत किया गया. प्रकाश पंत ने संस्कृत के श्लोक के साथ बजट प्रस्तुत किया. बजट में कृषकों के साथ कृषि, स्वरोजगार को बढ़ावा देने की घोषणा की गई है. बजट में 9798.15 करोड़ का राजकोषीय घाटे का अनुमान है. बजट पूर्णतया कर मुक्त है. इसमें भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और सुशासन पर जोर दिया गया है. बजट के तहत 48679.43 करोड़ की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जबकि सरकार का बजट 48663.90 करोड़ का है.
उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के 92 निकायों समेत नए बनने वाले शहरों और अर्धशहरी क्षेत्रों में जनता को लुभाने के लिए सड़क, पुल, पेयजल, बिजली सुधार, शिक्षा में निर्माण कार्यों के लिए बड़ी धनराशि का प्रावधान किया है.
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लिए 150 करोड़ की राशि आवंटित की गई है. आवास व शहरी विकास योजना को 88.6 करोड़, अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के तहत 100 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. प्रदेश में बिजली व्यवस्था में सुधार को एशियन डेवलपमेंट बैंक सहायतित 1400 करोड़ की स्वीकृति दी गई है. महिला उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन योजना के तहत चार करोड़ का प्रावधान किया गया है. कृषि को बढ़ावा देने को कृषि संबंधी कार्यकलापों के लिए स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जायेगा.
शहरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार, सिंचाई, बाढ़ सुरक्षा, आपदा प्रबंधन का सरकार ने ध्यान रखा है. शहीद सैनिकों व अर्धसैनिकों के आश्रितों को सेवायोजन का प्रावधान किया गया है. बजट में कृषि और सिंचाई क्षेत्र के लिये 1,341 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के लिये 3,141.34 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने को परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत 104.12 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इसके अलावा चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा के लिये 2,545.40 करोड़ रुपये का आवंटित किये गये हैं जबकि शिक्षा क्षेत्र के लिये 1,073 करोड़ रुपये रखे गये हैं. डोईवाला में उप जिला चिकित्सालय के निर्माण को 10 करोड़, मानसिक चिकित्सालय सेलाकुई के सुदृढ़ीकरण को 10 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी एवं संबद्ध चिकित्सालयों की स्थापना को 119.33 करोड़, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को 76.85 करोड़, दून मेडिकल कॉलेज के लिए 85.65 करोड़ दिए गये.
समग्र शिक्षा के लिए 1073 करोड़, नाबार्ड योजना में विद्यालयों-छात्रावासों के निर्माण को 20 करोड़ दिए गये हैं.
विश्वविद्यालय, सरकारी और अशासकीय डिग्री कॉलेज भवन निर्माण को 38 करोड़ आवंटित किये गये. विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों को स्मार्ट कैंपस के रूप में विकसित करने को वाई-फाई जोन की स्थापना को दो करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. राज्य में विधि विश्वविद्यालय की स्थापना को पांच करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. किशोरी बालिका के लिए 15 करोड़, नंदा गौरी योजना को 75 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. मुख्यमंत्री आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण व उच्चीकरण को सात करोड़, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना को 10 करोड़ रुपये दिए गये हैं. कौशल विकास योजना के तहत 67 करोड़, महिलाओं व कमजोर वर्गों के कौशल विकास की संकल्प योजना को 3.86 करोड़ का प्रावधान किया गया है. पर्यटन में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण को बाह्य सहायतित योजना के तहत 70 करोड़, होम-स्टे विकास योजना के तहत 11.50 करोड़ रुपये दिए गये. प्रदेश के मार्गों-पुलिया अनुरक्षण को 240 करोड़, लोनिवि की चालू योजना के तहत 450 करोड़ व नाबार्ड के तहत 360 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
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