भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास-2019 वाशिंगटन के नजदीक ज्वाइंट बेस लेविस मैकार्ड में 05 सितम्बर से शुरू होने जा रहा है. यह अभ्यास 18 सितंबर 2019 को समाप्त होगा. युद्ध अभ्यास—2019 सबसे लंबे चलने वाले संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यासों में से एक है. यह युद्धाभ्यास भारत तथा अमेरिका के बीच एक प्रमुख दि्वपक्षीय रक्षा सहयोग का प्रयास है. यह भारत और अमेरिका के बीच सबसे बड़ा संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण और रक्ष सहयोग है. यह युद्धाभ्यास दोनों देशों के बीच बारी-बारी से आयोजित किए जाते है. यह युद्धाभ्यास का 15वां संस्करण है.
इस अभ्यास का मुख्य उद्देशय दोनों देशों की सेनाओं के बीच आतंक विरोधी ऑपरेशन में दक्षता को वृद्धि करना है. यह युद्ध अभ्यास एक दूसरे की विशेषज्ञता तथा नियोजन एवं संचालन क्रियान्वयन के अनुभव को सीखने का आदर्श मंच है. यह भारत और अमेरिका के बीच सबसे बड़ा संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण एवं रक्षा सहयोग है. यह युद्ध अभ्यास दोनों देशों के सशस्त बलों को ब्रिग्रेड स्तर पर संयुक्त नियोजन के साथ बटालियन स्तर पर एकीकृत रूप से प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करेगा. संयुक्त अभ्यास के दौरान विभिन्न प्रकार के कार्रवाइयां की जाएंगी, ताकि एक दूसरे के संगठनात्मक ढांचे एवं युद्ध प्रक्रियाओं को समझा जा सके.
संयुक्त अभ्यास से दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच अंतर संचालन में सहायता मिलेगी तथा अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सकेगा. दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त रूप से प्रशिक्षण नियोजन एवं क्रियान्वयन का कार्य करेंगी, ताकि विभिन्न प्रकार के खतरों से निपटा जा सके. युद्धाभ्यास के जरिये भारत एवं अमेरिका के सैनिक बटालियन स्तर पर एकीकृत तरीके से साझा प्रशिक्षण लेते हैं. दोनों देशों की सेनाओं की ओर से इस युद्धाभ्यास में निगरानी तथा ट्रेकिंग, उपकरण, आतंकवादियों से निपटने हेतु विशेष हथियारों, विस्फोटक और आईईडी डिटेक्टर्स अथवा नवीनतम संचार उपकरणों का प्रयोग किया जायेगा. दोनों देशों द्वारा अंत में संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था के तहत संचालन का संयुक्त अभ्यास किया जाएगा. दोनों देशों के विशेषज्ञ अकादमिक सैन्य चर्चा करेंगे ताकि परस्पर हित के विभिन्न विषयों पर एक दूसरे के अनुभवों को साझा किया जा सके.
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