केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी बैठक से पहले कॉरपोरेट टैक्स पर छूट देने की घोषणा की है. ये घोषणा घरेलू कंपनियों और नई कंपनियों के लिए है. गोवा में जीएसटी काउंसिल की 37वीं बैठक होने जा रही है. जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद भी वित्त मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस होती है. इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनी और कारोबारियों को राहत देते हुए कॉरपोरेट टैक्स घटाने का घोषणा किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि टैक्स घटाने का अध्यादेश पास हो चुका है.
वित्त मंत्री ने कहा है कि बिना किसी छूट के इनकम टैक्स 22 प्रतिशत होगा. निवेश करने वाली कंपनियों पर 15 प्रतिशत का टैक्स लगेगा. कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर भी लागू होगा. अब बिना छूट के कंपनियों को 22 प्रतिशत कॉर्पोरेट टैक्स देना होगा. सरचार्ज के साथ टैक्स की प्रभावी दर 25.17 प्रतिशत होगा. इक्विटी कैपिटल गेंस पर से सरचार्ज हटा दिया गया है. केंद्र सरकार को इस घोषणा के बाद 1.45 लाख करोड़ का राजस्व घाटा होगा. शेयर बायबैक पर 20 प्रतिशत का बढ़ा हुआ टैक्स नहीं लगेगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि अक्टूबर 2019 के बाद बनी कंपनियों को 15 प्रतिशत टैक्स देना होगा. इन पर टैक्स की प्रभावी दर 17.01 प्रतिशत होगा. हालांकि, जो कंपनियां कोई छूट का फायदा नहीं लेंगी. उनके लिए कम से कम वैकल्पिक टैक्स की दर घटाई गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि बैंक कर्ज देने के उद्देश्य से 03 अक्टूबर से 07 अक्टूबर के बीच 200 जिलों में एनबीएफसी और खुदरा कर्जदारों के लिए कैंप लगाएंगे. केंद्र सरकार ने इस मुहिम को ‘बैंक लोन मेला‘ नाम दिया है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 31 मार्च 2020 तक संकटग्रस्त किसी भी एमएसएमई को एनपीए घोषित नहीं किया जायेगा.
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