प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च 2020 को कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी पर एक सप्ताह के भीतर राष्ट्र के नाम अपना दूसरा संबोधन दिया. विश्वभर में कोरोना वायरस के फैलने और भारत में इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने के बीच एक सप्ताह के भीतर राष्ट्र के नाम अपने दूसरे संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें कोरोना वायरस के फैसले की सीरीज को तोड़ना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से कोरोना वायरस से फैल रहे संक्रमण की गंभीरता को समझने और घरों में रहने की अपील करते हुए 24 मार्च 2020 को आधी रात से अगले 21 दिन
तक देशभर में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की है. इस फैसले को एक तरह से कर्फ्यू घोषित करते हुए उन्होंने आगाह किया कि कोरोना वायरस के संक्रमण चक्र को तोड़ने हेतु यदि इन 21 दिनों में नहीं संभले तो देश 21 साल पीछे चला जाएगा.
तक देशभर में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की है. इस फैसले को एक तरह से कर्फ्यू घोषित करते हुए उन्होंने आगाह किया कि कोरोना वायरस के संक्रमण चक्र को तोड़ने हेतु यदि इन 21 दिनों में नहीं संभले तो देश 21 साल पीछे चला जाएगा.
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि आज रात 12 बजे से पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि देशवासियों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है. आवश्यक वस्तुएं, दवाएं आदि उपलब्ध होंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को अंधविश्वास और अफवाहों से बचने की भी सलाह दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस पर देश के नाम दूसरे संबोधन में कहा कि मैंने राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि इस समय उनकी पहली प्राथमिकता, सिर्फ और सिर्फ स्वास्थ्य सेवाएं ही होनी चाहिए, हेल्थ केयर ही प्राथमिकता होनी चाहिए. केंद्र सरकार ने कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इससे कोरोना वायरस से जुड़ी जांच तकनीक, वेंटिलेटर,आईसीयू बेड और अन्य उपकरण और पैरामैडिकल साधन भी बढ़ाए जाएंगे.
मोदी सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 लागू किया है, क्योंकि यह देश में बढ़ती महामारी से निपटने के लिए उन्हें कुछ वित्तीय स्वतंत्रता की अनुमति देता है. केन्द्र सरकार की तरफ से आपदा प्रबंधन कानून की धारा 6(2)(i), जो राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को यह अधिकार देता है कि आपदा को रोकने के लिए कदम उठाए या उसे कम कर सके या फिर पास आ रही आपदा जैसी स्थिति का सामना करने के लिए कदम उठाए. गृह मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एनडीएमए ने धारा 6(2)(i) का इस्तेमाल करते हुए आदेश पास कर केन्द्र और राज्य सरकारों के विभागों और मंत्रालयों को यह आदेश दिया है कि वे कोविड-19 को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए.
आपदा प्रबंधन अधिनियम एक कानून है, जिसे साल 2005 में पास किया गया ताकि आपदा के प्रभावी तरीके से प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके. यह आपदा प्रबंधन के लिये नीतियों, योजनाओं एवं दिशा-निर्देशों का निर्माण करने के लिये ज़िम्मेदार संस्था है, जो आपदाओं के वक्त समय पर एवं प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करता है. भारत के प्रधानमंत्री द्वारा इस प्राधिकरण की अध्यक्षता की जाती है. इस संस्था का मुख्य उद्देश्य एक समग्र, प्रो-एक्टिव, प्रौद्योगिकी ड्रिवेन टिकाऊ विकास रणनीति के माध्यम से एक सुरक्षित और डिजास्टर रेसिलिएंट भारत का निर्माण करना है. इसमें सभी हितधारकों को शामिल किया गया है. यह आपदा की रोकथाम, तैयारी एवं शमन की संस्कृति को बढ़ावा देता है.
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