रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में भारतीय वायुसेना हेतु 83 स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान हासिल करने को मंजूरी दे दी है. यह फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने लिया है. यह अब प्रस्ताव मंजूरी के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी के सामने रखा जाएगा. रक्षा विभाग (डीओडी) और सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) के कार्यक्षेत्रों के निर्धारण के पश्चात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की पहली बैठक हुई. इससे बेहतर समन्वय होगा और मामलों पर तेजी से निर्णय लिए जा सकेंगे क्योंकि अधिग्रहण विंग पर कैपिटल अधिग्रहण प्रक्रिया की जवाबदेही है.
डीएसी ने घातक रक्षा उपकरण हासिल करने हेतु 1300 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. यह रकम वायुसेना के हॉक एमके-32 विमानों के ट्विन डोम स्टीम्यूलेटर तथा एरियल फ्यूज खरीदने में खर्च की जाएगी. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के तहत विमान विकास एजेंसी (एडीए) ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस का स्वदेशी डिजाइन तैयार किया है. इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने निर्मित किया है. यह भविष्य में भारतीय वायुसेना का रीढ़ साबित होगा.
40 तेजस विमानों के खरीद आदेश दिए जा चुके हैं. डीएसी ने 83 विमानों की खरीद की मंजूरी दी है जो विमान का आधुनिक एमके-1ए वर्जन होगा. इसके लिए संविदा एवं अन्य मामलों को अंतिम रूप दिया गया है. प्रस्ताव को सुरक्षा पर संसदीय समिति (सीसीएस) के समक्ष विचार के लिए रखा जाएगा. इस खरीद से 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि विमान का डिजाइन और विकास स्वदेशी तकनीक से किया गया है. इसका निर्माण एचएएल के अलावा कई अन्य स्थानीय निर्माताओं के सहयोग से किया गया है.
तेजस विमान: तेजस एक हल्का लड़ाकू विमान है, जिसे हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) ने तैयार किया है. विमान का आधिकारिक नाम तेजस 04 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था. तेजस एक सुपर सोनिक फाइटर जेट है जो 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है. तेजस के निचले हिस्से में एक साथ नौ तरह के हथियार लोड और फायर किए जा सकते हैं. तेजस एक बार में 54 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.
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