
बिहार सरकार ने सुशासन के कार्यक्रम, 2020-2025 के अंतर्गत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 (2020-2025) को लागू करने तथा इसके कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण सुनिश्चित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है. वर्ष 2020 के विधान सभा के चुनाव तथा सरकार के गठन के पश्चात् ‘‘न्याय के साथ विकास’’ के सिद्धान्त के प्रति अपनी प्रतिबद्धता कायम रखते हुए आगामी 5 वर्षों में बिहार के विकास के लिए सुशासन के कार्यक्रम, 2020-2025 के तहत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 (2020-2025) कार्यक्रम को संपूर्ण राज्य में लागू किया जाएगा. इसके अन्तर्गत बिहार सरकार ने युवाओ को आत्म निर्भर बनाने के लिए और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए स्किल डेवलपमेंट एवं उद्यमिता विभाग का गठन करने का निर्णय लिया है.
युवाओं को बेहतर तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी जिससे उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो सकें. साथ ही बिहार में उद्यमिता को और बढ़ावा दिया जाएगा जिससे कि युवा स्वयं उद्यमी बन सकें और अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करा सकें. संस्थानों में गुणवत्ता बढ़ाने की योजना:पिछले पाँच वर्षों में जिला एवं अनुमण्डल स्तर पर कई संस्थानों का निर्माण कराया गया है. इसी को आगे बढ़ाते हुए अब राज्य के प्रत्येक आई0टी0आई॰ एवं पालीटेक्निक संस्थानों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उच्चस्तरीय सेंटर आफ एक्सेलेंस बनाया जाएगा. इनमें आई0टी0आई॰ एवं पालीटेक्निक में पढ़ रहे बच्चों को वर्तमान उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप उच्चस्तरीय एवं नई तकनीक वाले क्षेत्रों में, जिनकी बाजार में ज्यादा मांग है यथा सोलर, ड्रोन तकनीक, आप्टिकल फाइबर एवं नेटवर्किंग, ट्रांसफारमर मैनुफैक्चरिंग इनफारमेशन टेक्नोलाजी इत्यादि जैसे कई क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त छात्रों की बाजार में मांग रहेगी तथा इन्हें बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.
वैसे युवा जो आई0टी0आई॰ एवं पालीटेक्निक में नहीं पढ़ रहे हैं और नए कौशल का प्रशिक्षण पाना चाहते हैं, उनके लिए हर जिले में कम से कम एक मेगा स्किल सेंटर खोला जाएगा. यहाँ पर लोकप्रिय एवं उपयोगी स्किल्स यथा एपरल मेकिंग, रेफरीजरेटर, एयर कंडिशनिंग, सोलर पैनल मेकेनिक, व्यूटी एवं वेलनेस ट्रेनिंग, बुजुर्गों एवं मरीजों की देखभाल के लिए केयर गीभर जैसे क्षेत्रों में अल्प अवधि का रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जाएगा जिनकी बाजार में मांग रहती है. प्रत्येक प्रमण्डल में टूल रूम एवं ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा. टूल रूम में कई क्षेत्रों के नवीन एवं अत्याधुनिक मशीनें एक स्थान पर उपलब्ध रहती हैं. इनमें आई0टी0आई॰ एवं पालीटेक्निक से प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को अत्याधुनिक मशीनों पर नई तकनीक की ट्रेनिंग दी जाएगी. 10वीं एंव 12वीं पास युवकों के लिए भी इनमें दीर्घकालीन प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी. इनसे प्रशिक्षण पाने के पश्चात् युवाओं को उच्च तकनीक वाले क्षेत्रों में रोजगार मिलने में सहूलियत होगी.
स्किल डेवलपमेंट तथा उद्यमिता पर विशेष बल देने हेतु एक अलग विभाग स्किल डेवलपमेंट एवं उद्यमिता विभाग का गठन कर उसमे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आई0टी0आई॰), पालीटेक्निक को समाहित किया जाएगा. उद्यमिता को बच्चों के कोर्स करिकुलम का हिस्सा बनाया जाएगा जिससे कि राज्य में उद्यमिता संस्कृति का और विकास हो सके. युवाओं को अपना व्यवसाय अथवा उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वे स्वयं उद्यमी बने तथा साथ में दूसरों को भी रोजगार दे सकें. केन्द्र सरकार की योजना के तहत तकनीकी शिक्षा हिन्दी में उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा.
एनडीए की नई सरकार अगले पांच सालों में 20 लाख रोजगार का सृजन करेगी. सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में यह अवसर पैदा किए जाएंगे. बता दें कि विधान सभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने बिहार में 19 लाख रोजगार सृजन करने और सभी को कोरोना का फ्री वैक्सीनेशन कराने का वादा किया था. मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, नई सरकार का रोजगार सृजन पर सबसे अधिक जोर होगा. रोजगार के अवसर पैदा करने और युवाओं को उस लायक बनाने के लिए स्किल डेवलपमेंट एवं उद्यमिता विभाग का गठन किया जाएगा.
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