साहित्य अकादमी ने इस वर्ष के प्रतिष्ठित ‘साहित्य अकादमी पुरस्कारों’ की घोषणा कर दी है. साहित्य अकादेमी ने आज 20 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादेमी पुरस्कार-2021 की घोषणा की. इस वर्ष हिंदी साहित्य के लिए वरिष्ठ लेखक दया प्रकाश सिन्हा और अंग्रेजी के लिए नमिता गोखले को साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया है. पुरस्कारों की अनुशंसा 20 भारतीय भाषाओं के निर्णायक समितियों द्वारा की गई थी. इनमें सात किताबें कविता की, दो उपन्यास, पांच लघु कथाएं, दो नाटक और एक-एक जीवनी, आत्मकथा, आलोचना और महाकाव्य की हैं. नमिता गोखले का अंग्रेजी
31 December 2021
22 December 2021
मुहम्मद गौरी का भारत पर आक्रमण
18 December 2021
भारत पर महमूद गजनवी का आक्रमण
17 December 2021
भारत पर मोहम्मद बिन कासिम का आक्रमण
16 December 2021
देखिए पैगंबर के निधन के बाद खलीफा बनने के लिए कैसे छिड़ा युद्ध
11 December 2021
भारत पर सेन राजवंश की स्थापना
मगध पर पालवंश की स्थापना
07 December 2021
देखिए लिच्छवी की सुंदरी आम्रपाली के खूबसूरती के कारण वैशाली में गृह युद्ध छिड़ा तो क्यों आम्रपाली को नगर वधू बनना पड़ा ?
06 December 2021
देखिए वर्धन वंश के राजा हर्षवर्धन ने अपने भाई के हत्या का बदला लेने के लिए मालवा और गौड़ के शासको का किस प्रकार नरसंहार किया
03 December 2021
मगध पर गुप्तवंश की स्थापना
गुप्त राजवंश प्राचीन भारत के प्रमुख राजवंशों में से एक था. इतिहासकारों द्वारा इस अवधि को भारत का स्वर्ण युग माना जाता है. मौर्य वंश के पतन के बाद दीर्घकाल में भारत में राजनीतिक एकता स्थापित नहीं रही. मौर्य वंश के पतन के पश्चात नष्ट हुई राजनीतिक एकता को पुनः स्थापित करने का श्रेय गुप्त वंश को है. गुप्त साम्राज्य की नींव तीसरी शताब्दी के चौथे दशक में तथा उत्थान चौथी शताब्दी की शुरुआत में हुआ। गुप्त वंश का प्रारम्भिक राज्य आधुनिक उत्तर प्रदेश और बिहार में था. गुप्त राजवंश की स्थापना महाराजा गुप्त ने लगभग 275 ई.में की थी. उनका वास्तविक नाम श्रीगुप्त था. श्रीगुप्त के समय में महाराजा की उपाधि सामन्तों को प्रदान की जाती थी, अतः श्रीगुप्त किसी के अधीन शासक था. प्रसिद्ध इतिहासकार के. पी. जायसवाल के अनुसार श्रीगुप्त भारशिवों के अधीन छोटे से राज्य प्रयाग का शासक था. श्रीगुप्त ने मगध के मृग शिखावन में एक मन्दिर का निर्माण करवाया था तथा मन्दिर के व्यय में 24 गाँव को दान दिये थे.
01 December 2021
मगध पर शुंगवंश, कण्ववंश एंव सातवाहन वंश की स्थापना
मगध साम्राज्य के महान मौर्य सम्राट अशोक की मृत्यु लगभग 236 ई.पू. में हुई थी. मौर्य सम्राट की मृत्यु के उपरान्त करीबन दो सदियों से चले आ रहे शक्तिशाली मौर्य साम्राज्य का विघटन होने लगा. अशोक के उपरान्त अगले पाँच दशक तक उनके निर्बल उत्तराधिकारी शासन संचालित करते रहे. मौर्य सम्राज्य का अन्तिम सम्राट वृहद्रथ था जिसके शासन काल में भारत पर विदेशी आक्रमण बढते जा रहे थे. सम्राट बृहद्रथ ने उनका मुकाबला करने से मना कर दिया. तब प्रजा और सेना में विद्रोह होने लगा. उस समय पुष्यमित्र शुंग मगध का सेनापति था. एक दिन राष्ट्र और सेना के बारे में अप्रिय वचन कहने के कारण क्रोधित होकर सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने राजा बृहद्रथ की हत्या कर दी. इस कार्य के पश्चात सेना और प्रजा ने पुष्यमित्र शुंग का साथ दिया. इसके बाद मौर्य सम्राज्य समाप्त हो गया और पुष्यमित्र शुंग ने स्वयं को सम्राट घोषित किया और एक नये राजवंश शुंग सम्राज्य की स्थापना की.
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