इंडोनेशिया के वैज्ञानिकों ने देश के बोर्नियो वर्षा वन में विश्व की सबसे
छोटी गिलहरी को खोज निकालने का दावा किया है. अधिकारियों ने 25 सितम्बर
2017 को यह जानकारी दी. वरिष्ठ वैज्ञानिकों के अनुसार सबसे अश्चर्यजनक तथ्य
यह है कि अद्वितीय और लुप्तप्राय प्रजातियों में से एक यह दुनिया की सबसे
छोटी गिलहरी मेरातस पर्वत क्षेत्र में है. यह प्रजाति 16 सितम्बर 2017 को
एक अभियान के दौरान मिली. इस गिलहरी की लंबाई 73 मिलीमीटर और वजन 17 ग्राम
है.
वैज्ञानिकों के अनुसार इस प्रकार की प्रजाति बोर्नियो द्वीप पर, खासकर समुद्र तट से लगभग 1,000 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाई जाती है।.बता दे की गिलहरियां छोटे व मध्यम आकार के कृन्तक प्राणियों की विशाल परिवार की सदस्य है. जिन्हें स्कियुरिडे कहा जाता है.
इस परिवार में वृक्षारोही गिलहरियां, भू गिलहरियां, चिप्मंक, मार्मोट (जिसमे वुड्चक भी शामिल हैं) उड़न गिलहरी और प्रेइरी श्वान भी शामिल हैं. यह अमेरिका, यूरेशिया और अफ्रीका की मूल निवासी है और आस्ट्रेलिया में इन्हें दूसरी जगहों से लाया गया है. अफ़्रीकीय छोटी गिलहरी की लंबाई सबसे छोटी मानी जाती हैं. उनका आकार 7–10 सेमी का होता है.
वैज्ञानिकों के अनुसार इस प्रकार की प्रजाति बोर्नियो द्वीप पर, खासकर समुद्र तट से लगभग 1,000 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाई जाती है।.बता दे की गिलहरियां छोटे व मध्यम आकार के कृन्तक प्राणियों की विशाल परिवार की सदस्य है. जिन्हें स्कियुरिडे कहा जाता है.
इस परिवार में वृक्षारोही गिलहरियां, भू गिलहरियां, चिप्मंक, मार्मोट (जिसमे वुड्चक भी शामिल हैं) उड़न गिलहरी और प्रेइरी श्वान भी शामिल हैं. यह अमेरिका, यूरेशिया और अफ्रीका की मूल निवासी है और आस्ट्रेलिया में इन्हें दूसरी जगहों से लाया गया है. अफ़्रीकीय छोटी गिलहरी की लंबाई सबसे छोटी मानी जाती हैं. उनका आकार 7–10 सेमी का होता है.
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