बांग्लादेश की ओर से इस
करार पर आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव काजी शोफिकुल आजम तथा भारत की ओर
से एक्जिम बैंक के प्रबंध निदेशक डेविड रासक्विहा ने दस्तखत किए. भारत की
ओर से इस भारी भरकम 4.5 अरब डॉलर की ऋण सुविधा का इस्तेमाल बांग्लादेश में
17 बड़ी परियोजनाओं के वित्तपोषण में किया जाएगा. इनमें बिजली, रेल सड़क, जहाजरानी और बंदरगाह क्षेत्र की परियोजनाएं शामिल
हैं. पिछले एलओसी करारों की तरह बांग्लादेश को इस पर एक प्रतिशत सालाना
का ब्याज देना होगा. बांग्लादेश को यह कर्ज 20 साल में लौटाना होगा. उसके
पास पांच साल की ग्रेस अवधि भी होगी.
जेटली ने इस करार पर दस्तखत के बाद
कहा कि पिछले सात साल में सामाजिक आर्थिक मोर्चे पर बांग्लादेश ने
उल्लेखनीय प्रगति की है. वित्त मंत्री ने कहा कि हम विकास के मामले में
हमेशा बांग्लादेश के साथ खड़े रहे हैं और भविष्य में भी ऐसा ही करेंगे. यह
उल्लेखनीय करार हमारे इन्हीं प्रयासों का हिस्सा है. इस मौके पर
बांग्लादेश के वित्त मंत्री मुहित ने कहा कि इस समय बांग्लादेश और भारत के
संबंध काफी शानदार हैं. हमारी आजादी के समय वे हमारे साथ खड़े थे. हमें
उम्मीद है कि भविष्य में भी वे ऐसा ही करते रहेंगे.
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