युद्धग्रस्त दक्षिणी सूडान में शांति स्थापित करने में योगदान के लिए 50
भारतीय सैनिकों को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) पदक से सम्मानित किया गया है.
दक्षिणी सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के सेना कमांडर जनरल फ्रैंक मुश्यो
कमांजी ने जोंगलेई प्रांत के बोर में तैनात भारतीय बटालियन के इन शांति
सैनिकों को पुरस्कृत किया. उन्होंने बोर में संयुक्त राष्ट्र नागरिक
रक्षा केंद्र में शरण लेने के इच्छुक 25 हजार नागरिकों के लिए सुरक्षित
माहौल उपलब्ध कराने और क्षेत्र में गश्त लगाने में उनके योगदान की सराहना
की. कमांजी ने कहा, 'मैं जोंगलेई में बहादुरी और पेशेवर तरीके से अपने
कार्य को अंजाम देने के लिए भारतीय बटालियन का आभार व्यक्त करता हूं.'
दक्षिणी
सूडान में भारतीय राजदूत श्रीकुमार मेनन भी पदक वितरण समारोह में शामिल
हुए. उन्होंने शांति सैनिकों की प्रतिबद्धता और सेवा के लिए उनका आभार
व्यक्त किया. मेनन ने कहा, 'भारत संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र के उद्देश्यों
के प्रति वचनबद्ध है. हम अंतरराष्ट्रीय शांति स्थापित करने में संयुक्त
राष्ट्र के प्रयासों का समर्थन करने को तैयार हैं.' जोंगलेई के
कार्यवाहक गवर्नर डॉ अगोट एलियर ने भी इस मौके पर भारतीय शांति सैनिकों की
सराहना की. उन्होंने कहा, भारतीय बटालियन ने दक्षिणी सूडान में समुदाय की
सुरक्षा और स्थानीय शांति प्रयासों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाई है. भारतीय शांति सैनिकों ने अपने मूल कार्यों से इतर समुदाय
को बहुत सी आवश्यक सेवाएं प्रदान कीं. इनमें स्थानीय निवासियों की चिकित्सा
देखभाल और स्थानीय किसानों व पशुओं के उपचार में मदद भी शामिल है.
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