आस्ट्रेलिया हाई कोर्ट ने उप-प्रधानमंत्री
बार्नबाय जॉयस को दोहरी नागरिकता होने के कारण संसद की सदस्यता के लिए
अयोग्य घोषित कर दिया. जिसके बाद महज़ एक ही सीट से बहुमत में आई सरकार अब
अल्पमत में आ गई है. ऑस्ट्रेलिया के हाई कोर्ट ने फैसला
देते हुए कहा कि उप प्रधानमंत्री बार्नबाय जॉयस को संसद में बने रहने का हक
नहीं हैं क्योंकि उनके पास दोहरी नागरिकता है. कोर्ट ने कहा कि
पिछले साल जुलाई में चार अन्य राजनीतिज्ञों पर भी इसी तरह का प्रतिबंध
लगाया था. आस्ट्रेलिया का संविधान दोहरी नागरिकता वाले लोगों को सांसद बनने
से प्रतिबंधित करता है. उप प्रधानमंत्री बार्नबाय जॉयस के हटने से सरकार पर संकट गहरा गया है क्योंकि सरकार के पास एक सीट से बहुमत है.
ऑस्ट्रेलिया की हाई कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया कि ऑस्ट्रेलिया के
उप-प्रधानमंत्री बार्नबी जॉइस समेत चार अन्य राजनेताओं को ग़लती से चुन
लिया गया था क्योंकि उनके पास दो देशों की नागरिकता थी. कोर्ट के इस फ़ैसले के अनुसार बार्नबी जॉइस समेत तीन राजनेता अपने पद के
लिए अयोग्य हो गए हैं जबकि दो अन्य नेताओं का कार्यकाल जुलाई में ख़त्म
होने वाला है.
ऑस्ट्रेलिया के संविधान के अनुसार दो नागरिकताएं होने पर किसी व्यक्ति को सरकार के लिए चुना नहीं जा सकता. सात सदस्यीय जजों की बेंच ने दो सप्ताह मामले पर सुनवाई की और कहा कि ये
पांच नेता ‘किसी विदेशी ताकत के नागरिक हैं’ और इस कारण संविधान की धारा 44
के तहत अयोग्य हैं. बार्नबी जॉइस ने अगस्त में न्यूज़ीलैंड की अपनी नागरिकता की घोषणा की थी.
फ़ैसला आने के बाद उन्होंने कहा, “मैं कोर्ट के फ़ैसले का सम्मान करता हूं.
हम एक बेहतरीन लोकतंत्र में रहते हैं.” इससे पहले, उन्होंने कहा था कि अगर वह अयोग्य घोषित होते हैं तो वह निचले सदन की सीट से फिर से चुनाव लड़ेंगे.
उनके साथ अयोग्य घोषित हुए चार अन्य राजनेताओं में फिओना नैश, माल्कम
रॉबर्ट्स, लरिसा वॉटर्स और स्कॉट लुडलम शामिल हैं जो सीनेट के लिए चुने गए
थे. दो अन्य सीनेटर मैट कैनावन और निक्स शेनोफोन भी जांच के घेरे में थे. उनके चुनाव को वैध घोषित किया गया है. ऑस्ट्रेलिया की राजनीति में किसी राजनेता की दो नागरिकताओं का मसला इसी साल
जुलाई से शुरू हुआ था जिसके बाद कई सांसदों को इसके बारे में अपनी स्थिति
स्पष्ट करनी पड़ी थी.
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