भारत
और जापान की नौसेनाओं ने दोनों देशों के आसपास रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण
समुद्री मार्गों में अपने परिचालन समन्वय को और बढ़ाने के लिए हिंद
महासागर क्षेत्र में तीन दिवसीय पनडुब्बी विरोधी सैन्याभ्यास शुरु किया.
दोनों
देशों की सेनाएं हिंद महासागर में युद्ध के दौरान सबमरीन को मात देने के
लिए मिलकर तैयारी कर रही हैं. भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने ट्वीट कर के बताया कि ये युद्धाभ्यास 31 अक्तूबर तक चलेगा. इस
युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना का पी-8 आई लॉन्ग रेंज मैरीटाइम
एंटी-सबमरीन एयरक्राफ्ट और जापानी मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स के दो पी-3
ओरिओन एंटी सबमरीन युद्धक विमान ने हिस्सा लिया है. दो पी 3 सी ओरिएन जेट आज गोवा के हंसा में नोसेना के एयर स्टेशन पर
पहुंचे. ये भी पनडुब्बी निरोधक हैं. नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा ने कहा कि दोनों नौसेनाओं के
‘‘एयरक्रू’’ संयुक्त अभियान की अवधारणा तैयार करने के लिए गहन संवाद
करेंगे.
यह अभ्यास भारत और जापान में इस चिंता
के बीच हो रहा है कि चीन हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा
है. भारत-जापान का मिलकर युद्धाभ्यास करना अहम माना जा रहा है, वहीं
चीन लगातार दक्षिण चीन सागर में आक्रामक होता जा रहा है. बता दें कि इसी
साल जुलाई में भारत, जापान और अमेरिका ने साथ मिलकर मालबार युद्धाभ्यास
किया था. हाल में फ्रांस की रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ले और निर्मला सीतारमण की
मुलाकात के दौरान चर्चा का प्रमुख विषय भी समुद्री सुरक्षा ही है. गौरतलब
है कि पूर्व रक्षामंत्री अरुण जेटली की जापान यात्रा के दौरान भी सुमद्री
सुरक्षा का मुद्दा ही केंद्र में था.
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