18 दिसंबर, 2016 को संपूर्ण विश्व में ‘अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ (International Migrants Day) मनाया गया. समय के साथ कहीं आने-जाने के लिए दुनिया छोटी हो रही है. इसके साथ ही एक देश के नागरिक दूसरे देशों में बेहतर सुविधाओं और नौकरी के लिए खूब जा रहे हैं. पर कई बार ऐसा होता है कि दूसरे देश में उन्हें वो इज्जत नहीं मिलती, जिसके वे हकदार हैं. बहुत बार उन्हें नस्लवाद का भी सामना करना पड़ता है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर सन 1997 में फिलीपींस में एशिया के अन्य देशों से गए प्रवासियों ने 18 दिसंबर को प्रवासियों में एकजुटता दिखाने के लिए एक सम्मेलन किया. इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि 1990 में यू.एन ने 18 दिसंबर के दिन ही प्रवासियों पर एक चर्चा के लिए सदन में एक बिल पेश किया था.
फिलीपींस में हुए सम्मेलन के बाद 4 दिसंबर, 2000 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व में प्रवासियों की
बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए ‘18 दिसंबर’ को प्रतिवर्ष इस दिवस को
मनाने की घोषणा की. इस दिन के बहाने यू.एन. दुनिया के देशों को अपने यहां आकर रहने वाले लोगों के हितों का ध्यान रखने के लिए प्ररित करता है.
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