देशभर में गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले यानी 25 जनवरी को 8वा राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया. इस दिन को मनाने का उद्देश्य युवाओं को वोट देने के लिए प्रेरित करना है।.शॉर्ट में कहा जाए तो वोट देने के अधिकार को सेलिब्रेट करने का दिन है
राष्ट्रीय मतदाता दिवस.
विश्व में भारत जैसे सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदान को लेकर कम होते
रुझान को देखते हुए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है. इसके मनाए
जाने के पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्य था कि देश भर के सभी मतदान केंद्र
वाले क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान की
जाएगी, जिनकी उम्र एक जनवरी को 18 वर्ष हो चुकी होगी. इस सिलसिले में 18
वर्ष या उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज किए
जाएंगे और उन्हें निर्वाचन फोटो पहचान पत्र सौंपे जाएंगे. पहचान पत्र
बांटने का काम सामाजिक, शैक्षणिक व गैर-राजनीतिक व्यक्ति करेंगे.
भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी इसलिए इसी दिन को राष्ट्रीय मतदाता दिवस घोषित
किया गया है. इस दिन उन युवाओं के लिए मतदाना जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाते
हैं, जिन्हें इसी वर्ष वोट देने का अधिकार मिला है. राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अगले दिन यानी 26 जनवरी 1950 को देश ने अपना
पहला गणतंत्र दिवस मनाया था. वर्ष 1950 से स्थापित चुनाव आयोग के 61वें
स्थापना वर्ष पर 25 जनवरी 2011 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह
पाटिल ने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का शुभारंभ किया था. इस आयोजन के दो
प्रमुख विषय थे, ‘समावेशी और गुणात्मक भागीदारी’ (Inclusive and
Qualitative Participation) तथा ‘कोई मतदाता पीछे न छूटे’ (No Voter to be
left behind).
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