इस सुरंग का नाम सैक एकटन दिया गया है. यहां जलमग्न सुरंगों की श्रृंखला है, जो डॉस ओजोस से जुड़ती है. ऐसे में इसकी लंबाई करीब 347 किमी होती है. जीएएम के निदेशक गुलेरमो डी एंडा ने इस बारे में कहा कि, यह बड़ी खोज है. स्पेन के कब्जे में आने से पहले माया सभ्यता कैसी थी इस बारे में यह सुरंग कई राज खोल सकती ह. ऐसा माना जा रहा है कि उस काल में बसाई गई बस्तियों और तीर्थस्थल यहां होंगे. यहां कई प्राचीन बर्तन भी मिले हैं. कुछ पुरातत्वविदों का मानना है कि माया सभ्यता का प्राचीन मंदिर सुरंग से जुड़ा हुआ था. हालांकि, अब तक इस पर रिसर्च की जा रही है. अगर ऐसा होता है तो ये दुनियाभर के लिए एक अद्भुत सुरंग साबित होगी. इस सुरंग की खोज में लगे एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी ये जानना बाकी है कि ये गुफा यहां कैसे बनाई गई पानी के नीचे आने जाने का रास्ता क्या था. उनका कहना है कि इस सुरंग और माया सभ्यता के कई राज खुलने बाकी है.
इस सुरंग का नाम सैक एकटन दिया गया है. यहां जलमग्न सुरंगों की श्रृंखला है, जो डॉस ओजोस से जुड़ती है. ऐसे में इसकी लंबाई करीब 347 किमी होती है. जीएएम के निदेशक गुलेरमो डी एंडा ने इस बारे में कहा कि, यह बड़ी खोज है. स्पेन के कब्जे में आने से पहले माया सभ्यता कैसी थी इस बारे में यह सुरंग कई राज खोल सकती ह. ऐसा माना जा रहा है कि उस काल में बसाई गई बस्तियों और तीर्थस्थल यहां होंगे. यहां कई प्राचीन बर्तन भी मिले हैं. कुछ पुरातत्वविदों का मानना है कि माया सभ्यता का प्राचीन मंदिर सुरंग से जुड़ा हुआ था. हालांकि, अब तक इस पर रिसर्च की जा रही है. अगर ऐसा होता है तो ये दुनियाभर के लिए एक अद्भुत सुरंग साबित होगी. इस सुरंग की खोज में लगे एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी ये जानना बाकी है कि ये गुफा यहां कैसे बनाई गई पानी के नीचे आने जाने का रास्ता क्या था. उनका कहना है कि इस सुरंग और माया सभ्यता के कई राज खुलने बाकी है.
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