भारत सरकार और विश्व बैंक ने 28 अगस्त 2018 को भारत के ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में सहायता करने के लिए 300 मिलियन डॉलर ऋण समझौते तथा 80 मिलियन डॉलर गारंटी समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन एनर्जी इर्फिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा किया जाएगा तथा यह आवासीय एवं सार्वजनिक क्षेत्रों में ऊर्जा बचत के उपायों में तेजी लाने, ईईएसएल की संस्थागत क्षमता को सुदृढ़ बनाने एवं वाणिज्यिक वित्त पोषण तक इसकी पहुंच बढ़ाने में सहायता करेगा. इस परियोजना के समझौते पर भारत सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के संयुक्त सचिव श्री समीर कुमार खरे एवं विश्व बैंक की तरफ से वर्ल्ड बैंक इंडिया के कार्यवाहक कंट्री डायरेक्टर श्री हिशाम अब्दो ने हस्ताक्षर किए.
इस कार्यक्रम के तहत किए गए निवेशों से 170 मिलियन टन कार्बन डाईऑक्साइड के जीवन पर्यंत ग्रीन हाउस, गैस उत्सर्जन से बचने तथा अनुमानित 10 गीगावॉट अतिरिक्त सृजन क्षमता से बचने में योगदान मिलने की उम्मीद है. इस अवसर पर वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के संयुक्त सचिव श्री समीर कुमार खरे ने कहा कि यह कार्यक्रम नए ऊर्जा दक्षता कार्यक्रमों के सामने आने वाली वित्तीय, जागरूकता, तकनीकी एवं क्षमता बाधाओं से निपटने तथा भारत सरकार के उजाला कार्यक्रम में सहायता देगा. भारत में कार्यवाहक विश्व बैंक कंट्री डायरेक्टर श्री हिशाम अब्दो ने इस अवसर पर कहा कि यह ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम भारत को अपनी एनडीसी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने एवं एक अधिक संसाधन दक्ष विकास मार्ग की दिशा में आगे बढ़ने में सहायता करेगा.
भारत सरकार ने 1 मार्च 2002 को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) की स्थापना की है. ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत ब्यूरो का मिशन उर्जा संरक्षण के लिए नीतियों और रणनीतियों को विकसित करने में सहायता करना है. यह उर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के समग्र ढांचे के भीतर उर्जा दक्षता के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भारत सरकार की सहायता के लिए स्थापित संस्था है.
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