छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की. भूपेश बघेल को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. झीरम घाटी नक्सली हमले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के सभी बड़े नेता मारे गए, जिसके बाद दिसंबर 2013 में कांग्रेस आलाकमान ने भूपेश बघेल को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी. छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 46 सीटें हासिल करनी थीं. कांग्रेस ने आसानी से इतनी सीटें हासिल करने के बाद उसके और आगे जाकर 68 सीटें पा ली है. सिर्फ 15 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली है. 7 सीटें छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस(जे) गठबंधन को मिली है.
भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के पाटन तहसील में हुआ. वे 1985 से कांग्रेस से जुड़कर राजनीति कर रहे हैं. पहली बार 1993 में विधायक बने थे. वे मध्य प्रदेश की दिग्विजय सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. भूपेश बघेल 1994-95 में मध्य प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष चुने गए तथा 1999 में मध्य प्रदेश सरकार में बघेल कैबिनेट मंत्री बने. वर्ष 2000 में वे छत्तीसगढ़ राज्य बनने पर जोगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. जबकि 2003 में पाटन से चुनाव जीतने के बाद विधानसभा में विपक्ष के उपनेता बने. लंबे अन्तराल के बाद उन्होंने 2013 में एक बार फिर पाटन से जीत दर्ज की और 2014 में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष बने.
छत्तीसगढ़ में विधानसभा का यह चौथा चुनाव था. इससे पहले तीन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी जीत हासिल कर पिछले 15 वर्षों से सत्ता में है. वहीं कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ा है. छत्तीसगढ़ में 90 सीटों के लिए दो चरणों में 12 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान कराया गया था. जिसमें राज्य के 76.60 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. छत्तीसगढ़ में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच था. राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 29 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए तथा 10 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं.
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