भारत में सभी धर्मों को समान नजर से देखा जाता है लेकिन यह कथन हमेशा सिर्फ कागजी ही लगता है. इतिहास गवाह है कि भारत में धर्म के नाम पर बहुत ही क्रुर दंगे हुए हैं. यह दंगे ना सिर्फ भारत की धर्म-निरपेक्षता पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा करते हैं बल्कि यह दंगे उस देश में हो रहे हैं जहा महापुरुषों ने अपने जीवन का बलिदान तक देकर धर्म की रक्षा की है. धर्म के नाम पर मर मिटने की जब भी बात होती है तो सिख समुदाय के गुरुतेग बहादुर जी का नाम बड़ी ही इज्जत और सम्मान के साथ लिया जाता है. अपने धर्म के नाम पर उन्होंने अपने सिर को भी कुर्बान कर दिया. आज उनका बलिदान दिवस है तो चलिए जानते हैं उनके बारें में कुछ बातें.
24 November 2021
21 November 2021
चंद्रगुप्त मौर्य जिन्होंने नंदवंश के राजा घनानंद को पराजित कर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की
चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपने गुरू चाणक्य की सहायता से 322 ई.पू. में धनानन्द की हत्या कर मौर्य वंश की नींव डाली थी. चन्द्रगुप्त मौर्य ने नन्दों के अत्याचार व घृणित शासन से मुक्ति दिलाई और देश को एकता के सूत्र में बाँधा और मौर्य साम्राज्य की स्थापना की. चन्द्रगुप्त पिप्पलिवन के सूर्यवंशी मौर्य वंश का था. चन्द्रगुप्त के पिता पिप्पलिवन के नगर प्रमुख थे. जब वह गर्भ में ही था तब उसके पिता की मृत्यु युद्धभूमि में हो गयी थी. चंद्र गुप्त मौर्य की माता का नाम मुरा था. जब चन्द्रगुप्त 10 वर्ष के थे तो उनकी मां मुरा का भी देहांत हो गया था और तब से उनकी परवरिश एक गोपालक द्वारा किया गया था. चरावाह तथा शिकारी रूप में ही राजा-गुण होने का पता आचार्य चाणक्य ने कर लिया था तथा उसे एक हजार में खरीद लिया. तत्पश्चात् तक्षशिला लाकर सभी विद्या में निपुण बनाया.
20 November 2021
मगध सम्राज्य पर शिशुनाग राजवंश एंव नन्द सम्राज्य की स्थापना
मगध में हर्यक वंश के राजा नागदशक को उसका सेनापति शिशुनाग ने राज्य विद्रोह कर 492 ई.पू. में हत्या कर दिया और स्वंय मगध का राजा बन गया और मगध पर इस प्रकार शिशुनाग वंश की स्थापना की. शिशुनाग लिच्छवि राजा के वेश्या पत्नी से उत्पन्न पुत्र था. पुराणों के अनुसार वह क्षत्रिय था. इसने सर्वप्रथम मगध के प्रबल प्रतिद्वन्दी राज्य अवन्ति पर आक्रमण कर उसे अपने राज्य में मिलाया. मगध की सीमा पश्चिम मालवा तक फैल गई और वत्स को मगध में मिला दिया. वत्स और अवन्ति के मगध में विलय से, पाटलिपुत्र को पश्चिमी देशों से व्यापारिक मार्ग के लिए रास्ता खुल गया.
19 November 2021
इश्क के दरिया में डूबकर फ़ना हो जाने वाले रोमियो की क्या थी प्रेम कहानी
योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सिंहासन पर बैठते ही मनचले युवकों के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है. पुलिस की टीम दल-बल के साथ बड़े बाज़ारों और पार्कों में ऐसे युवा युगल जोड़ियों की तलाश कर रहे हैं. सरकार ने पुलिस के इस दल का नाम रखा है – ऐंटी रोमियो स्क्वाड. लेकिन जब से प्रदेश में यह स्क्वायड शुरू हुआ है तब से रोमियो के बारे में जानने की लोगों में उत्सुकता बढ़ गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपनी प्रेमिका जूलियट के साथ इश्क फरमाने वाला यह रोमियो असल में कौन था?
गुरू नानक जयंती
सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरू नानक देव की जयंती आज 19नवंबर को दुनिया भर में मनाई गई. सिख समुदाय के लिए ये दिन बहुत ही विशेष है. सिखों के प्रथम गुरु नानकदेवजी की जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है. गुरू नानक सिखों के प्रथम गुरु (आदि गुरु) हैं. इनके अनुयायी इन्हें गुरु नानक, गुरु नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं. गुरुनानाक देव जी का जन्म रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नामक गांव में कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था.
देखिए मगध पर हर्यक वंश के संस्थापक बिंबिसार
बिम्बिसार को मगध साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक/राजा माना जाता है. बिम्बिसार ने हर्यक वंश की स्थापना 544 ई.पू. में की थी. इसके साथ ही राजनीतिक शक्ति के रूप में बिहार का सर्वप्रथम उदय हुआ. बिम्बिसार ने गिरिव्रज (राजगीर) को अपनी राजधानी बनायी. बिम्बिसार एक कूटनीतिज्ञ और दूरदर्शी शासक था. उसने प्रमुख राजवंशों में वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित कर राज्य को फैलाया. सबसे पहले उसने लिच्छवि गणराज्य के शासक चेतक की पुत्री चेलना के साथ विवाह किया. दूसरा प्रमुख वैवाहिक सम्बन्ध कौशल राजा प्रसेनजीत की बहन महाकौशला के साथ विवाह किया. इसके बाद भद्र देश की राजकुमारी क्षेमा के साथ विवाह किया.
राजनीतिक विचारधारा का लेफ्ट और राइट में बंटवारा, क्यों वामपन्थी नहीं स्वीकारना चाहते राष्ट्रवाद
भारत में राजनीति का इतिहास बहुत ही गहरा है जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं. भारत वो देश है जहाँ के हालात बहुत ही भिन्न रहे फिर वो चाहे हिन्दू राजाओं का दौर हो, मुस्लिम साम्राज्य का दौर हो या फिर अंग्रेजी शासन का दौर हो भारत दूसरों के द्वारा थोपी हुई विचारधारा के अधीन ही रहा जिसका कारण था राष्ट्रवाद की भावना का ना होना और देश के अपने ही लोगों में वैचारिक मतभेद. खैर राजा महाराजा एवं अंग्रेजों के दौर को मैं
18 November 2021
अखंड भारत में शासन व्यवस्था और मगध सम्राज्य का उदय
प्राचीन काल में छठी शताब्दी ईoपूo में अखण्ड भारत में शासन व्यवस्था चलाने के लिए अखण्ड भारत को सोलह महाजनपदों में बाटा गया था. इसकी जानकारी बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय और जैन ग्रन्थ भगवतीसूत्र से प्राप्त होती है. इन 16 महाजनपदों में से 14 राजतंत्र और दो (वज्जि, मल्ल) गणतंत्र थे. बुद्ध काल में सर्वाधिक शक्तिशाली महाजनपद था– वत्स, अवन्ति, मगध, कोसल.
17 November 2021
देखिए जम्बूद्वीप से अखंड भारत कैसे बना और फिर टुकड़े-टुकड़े में खंडित कैसे हुआ
अखंड बोलना इसलिए पड़ता है क्योंकि सबकुछ खंड-खंड हो चला है. जम्बूद्वीप से छोटा है भारतवर्ष. भारतवर्ष में ही आर्यावर्त स्थित था. आज न जम्बूद्वीप है न भारतवर्ष और न आर्यावर्त. आज सिर्फ हिन्दुस्थान है और सच कहें तो यह भी नहीं. आओ जानते हैं भारतवर्ष के बनने की कहानी:
इंद्र के बाद व्यवस्थाएं बदली और स्वायंभुव मनु संपूर्ण धरती के शासन बने. उनके काल में धरती सात द्वीपों में बंटी हुई थी. जम्बू, प्लक्ष, शाल्मली, कुश, क्रौंच, शाक एवं पुष्कर. इसमें से जम्बू द्वीप सभी के बीचोबीच स्थित है. जिसमें से सिर्फ जम्बूद्वीप पर ही अधिकांश आबादी रहती थी. बाकी द्वीपों पर नाम मात्र के ही जीव रहते थे. स्वायंभुव मनु के बाद उनके पुत्र प्रियव्रत धरती के राजा बने. राजा प्रियव्रत ने विश्वकर्मा की पुत्री बहिर्ष्मती से विवाह किया था जिनसे आग्नीध्र, यज्ञबाहु, मेधातिथि आदि 10 पुत्र उत्पन्न हुए. प्रियव्रत की दूसरी पत्नी से उत्तम, तामस और रैवत ये 3 पुत्र उत्पन्न हुए, जो अपने नाम वाले मन्वंतरों के अधिपति हुए.
16 November 2021
जानिए विश्व के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय नालन्दा, विक्रमशिला और ओदंतपुरी को किसने जलाया
नालंदा विश्वविद्यालय: शिक्षा के मामले में आज भले ही भारत दुनिया के कई देशों से पीछे हो, लेकिन एक समय था, जब हिंदुस्तान शिक्षा का केंद्र हुआ करता था. भारत में ही दुनिया का पहला विश्वविद्यालय खुला था, जिसे नालंदा विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है. इस विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम (450-470) ने की थी. इस विश्वविद्यालय को नौवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी तक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त थी, लेकिन अब यह एक खंडहर बनकर रह चुका है, जहां दुनियाभर से लोग घूमने के लिए आते हैं. बिहार के नालंदा में स्थित इस
15 November 2021
भारत के महान राजा चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य जिन्होंने अखंड भारत पर राज किया
सम्राट विक्रमादित्य उज्जैन के राजा थे, जो अपने ज्ञान, वीरता और उदारशीलता के लिए प्रसिद्ध थे. सम्राट विक्रमादित्य गर्दभिल्ल वंश के शासक थे इनके पिता का नाम राजा गंधर्वसेन था. नाबोवाहन के पुत्र राजा गंधर्वसेन भी चक्रवर्ती सम्राट थे. उनके और भी नाम थे जैसे गर्द भिल्ल, गदर्भवेष. गंधर्वसेन के पुत्र विक्रमादित्य और भर्तृहरी थे. विक्रम की माता का नाम सौम्यदर्शना था जिन्हें वीरमती और मदनरेखा भी कहते थे. उनकी एक बहन थी जिसे मैनावती कहते थे. उनके पराक्रम को देखकर ही उन्हें महान सम्राट कहा गया और उनके नाम की उपाधि कुल 14 भारतीय राजाओं को दी गई.
13 November 2021
पद्म पुरस्कार 2021:पद्म पुरस्कार से सम्मानित हुए धरती के योद्धा; किसी ने जंगल उगाए, तो किसी ने फल बेचकर स्कूल बनवाया
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8 नवंबर को पद्म पुरस्कार प्रदान किए. कुल 119 लोगों को ये पुरस्कार दिए गए। 10 लोगों को पद्म भूषण, 7 को पद्म विभूषण और 102 लोगों को पद्मश्री से सम्मानित किया गया. सम्मान पाने वाले कुल 119 लोगों में 29 महिलाएं और एक ट्रांसजेडर भी शामिल है. पद्म पुरस्कार पाने वालों में शामिल एक्ट्रेस कंगना रनोट, सिंगर अदनान सामी, स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी पीवी सिंधु और मेरी कॉम, बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा, शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र उन नामों में आते हैं जिनसे हर कोई वाकिफ है. इनकी उपलब्धियां सबको पता है; लेकिन कल कुछ ऐसे चेहरे और तस्वीरें लोगों के सामने आईं, जिन्हें कल से पहले शायद ही कोई जानता होगा, लेकिन आज ये शक्ति, सम्मान और नए भारत की तस्वीर बन गई हैं.
पाकिस्तानी नौसेना की बढ़ी ताकत, चीन ने Pakistan को सौंपा अत्याधुनिक 054 युद्धपोत
चीन ने हाल ही में पाकिस्तान को पहला टाइप 054 युद्धपोत सौंपा है. ये युद्धपोत उस समझौते के तहत सौंपा गया है जिसके तहत चीन को पाकिस्तानी नौसेना के लिए चार युद्धपोत बनाने हैं. फिलहाल चीन ने जिस युद्धपोत की आपूर्ति पाकिस्तान को की है वो इस समझौते के तहत सौंपा गया पहला युद्धपोत है. चीन ने पाकिस्तान को एक विध्वंसक युद्धपोत दिया है. इससे पाकिस्तान की नौसेना की ताकत में बड़ा इजाफा होगा. चीन की स्थानीय मीडिया के अनुसार इस युद्धपोत का निर्माण चाइना शिपबिल्डिंग कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएसएल) ने किया है. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने इस युद्धपोत को एक कमीशन सेरेमनी के दौरान पाकिस्तानी नौसेना को सौंपा है.
National Internet Exchange of India ने 'डिजिटल पेमेंट गेटवे' शुरू किया
नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया ने हाल ही में 'डिजिटल पेमेंट गेटवे' को शुरू किया है. इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनआईएक्सआई) एक गैर-लाभकारी कंपनी है. पेमेंट गेटवे सेवाओं को शुरू करने के लिए नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया ने पेयू और एनएसडीएल के साथ साझेदारी की है. इसका उद्देश्य सभी के लिए इंटरनेट को सुलभ बनाना है. अपने ग्राहकों और साझेदारों की सुविधा के लिए, उपयोग करने में आसानी के उद्देश्य से अपनी सभी ग्राहक उपयोग वाली वेबसाइटों पर पेमेंट गेटवे को एकीकृत कर अपनी तीन व्यावसायिक इकाइयों में डिजिटल भुगतान को सक्षम करके नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनआईएक्सआई) अब डिजिटल हो गया है.
05 November 2021
भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तम्भ
आज हम इतिहास के पन्नों से कुछ जानकारी आपसे साझा करेंगे जिसका सीधा संबंध हमसे और हमारे देश से है. उत्तर प्रदेश के सारनाथ स्थित अशोक स्तम्भ के सिंहों को 26 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में मान्यता मिली थी. ये दहाड़ते हुए सिंह धर्म चक्र प्रवर्तन के रूप में दृष्टिमान हैं. बुद्ध ने वर्षावास समाप्ति पर भिक्षुओं को चारों दिशाओं में जाकर लोक कल्याण हेतु ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ का आदेश दिया था, जो आज सारनाथ के नाम से विश्विविख्यात है. इसलिए यहाँ पर मौर्य साम्राज्य के तीसरे सम्राट व सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के पौत्र महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने चारों दिशाओं में गर्जना करते हुए शेरों को बनवाया था.
जानिए ब्राह्मण चणक का अपमान करने पर किस प्रकार हुआ राजा घनानंद का सत्यानाश
चाणक्य भारत के महान अर्थशास्त्री, राजनीति के ज्ञाता मानें जाते हैं. वे बचपन से ही अन्य बालकों से भिन्न थे. उनके तार्किकता का कोई जवाब नहीं था. चाणक्य को बचपन से ही वेद पुराणों में बहुत रूचि थी. इतिहास में उनका नाम एक कुशल नेतृत्वकर्ता व बड़े रणनीतिकारों में शामिल है. इनके सर्वगुणसंपन्न होने की ही वजह से ही इनको अनेक नामों से पुकारा जाता है, जिसमें कौटिल्य, विष्णुगुप्त, वात्स्यान, मल्ल्नाग व् अन्य नाम शामिल हैं. चाणक्य का जन्म 350 ई.पू. में तक्षशिला में हुआ था. उनके पिता चणक मुनि एक महान शिक्षक थे. इनके पिता ने बचपन में उनका नाम कौटिल्य रखा था. एक शिक्षक होने के नाते चणक मुनि अपने राज्य की रक्षा के लिए बेहद चिंतित थे.
02 November 2021
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस एंव धनवंतरी जयंती
आयुष मंत्रालय प्रत्येक वर्ष धनवंतरी जयंती के अवसर पर आयुर्वेद दिवस मनाता है. इस बार आयुर्वेद दिवस 02 नवंबर 2021 को मनाया गया. राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस (National Ayurveda Day) हर साल धन्वंतरी जयंती या धनतेरस (Dhanteras) के दिन मनाया जाता है. राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस (National Ayurveda Day) की शुरुआत साल 2016 में हुई थी. पहला आयुर्वेद दिवस (Ayurveda Day) 28 अक्टूबर 2016 को धनतेरस के दिन मनाया गया था. बता दें कि आयुर्वेद सालों से हमारे अच्छे स्वास्थ्य में अपनी भूमिका निभाता आ रहा है. ऐसे में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है. राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस (National Ayurveda Day) हर साल धनतेरस के दिन मनाया जाता है.
Subscribe to:
Posts (Atom)