रूस और यूक्रेन के बीच जंग के बाद हालात तीसरे विश्वयुद्ध की ओर जा रहा है लेकिन इसके साथ ही एक शब्द फ़िज़ा में गूंज रहा है, नाटो. यूक्रेन को लेकर रूस की तल्ख़ी भी इसी नाटो की वजह से है. रूस हर हाल में यूक्रेन को नाटो दूर रखना चाहता है, जबकि अमेरिका चाहता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल हो जाए. बस यही खींचतान हालात को जंग के मैदान तक ले आई. सवाल यही उठता है कि आखिर ये नाटो (NATO) है क्या आखिर अमेरिका यूक्रेन को नाटो में क्यों शामिल करना चाहता है और रूस इसका क्यों विरोध करता है?